फूड डिलीवरी-कूरियर एजेंट के साथ बैंकों के कलेक्शन एजेंट भी आएंगे दायरे में
देहरादून। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) काम के बदले कमीशन लेने वाले
कर्मचारियों को भी अपने दायरे में लाने जा रहा है। खास तौर पर बैंकिंग, फूड डिलीवरी और कूरियर सेक्टर में काम करने वाले कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने की योजना पर काम कर रहा है। इन सभी कर्मचारियों को सीधे वेतन नहीं मिलता है, इन्हें इनके काम के बदले बैंक या कंपनियां कमीशन देती हैं। ईपीएफओ ऐसे कर्मचारियों के लिए भी फार्मूला तैयार कर रहा है।
ईपीएफओ के क्षेत्रीय आयुक्त विश्वजीत सागर ने बताया कि हमने देहरादून में इस पर काम शुरू कर दिया है। दून के अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के अलावा उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक से ऐसे कर्मचारियों का ब्योरा मांगा गया है, जो इन दोनों बैंक में कमीशन आधारित जॉब करते हैं। उन्होंने कहा कि बाकी बैंकों व अन्य बैंकिंग सेवाओं को भी इस दायरे में लाया जा रहा है। भविष्य निधि आयुक्त के मुताबिक, रिटेल क्षेत्र में बड़े पैमाने पर ऐसे कर्मचारी हैं, जो भविष्य निधि संगठन की सामाजिक सुरक्षा योजना के दायरे में नहीं हैं, क्योंकि ऐसे कर्मचारी अपने संस्थान से वेतन के बजाए अपने किए गए कार्य का कमीशन लेते हैं। इसी कमीशन पर ईपीएफओ कटौती की योजना है, ताकि बैंक और फूड डिलीवरी करने वालों के साथ ही ई-कॉमर्स और कोरियर सेवाओं में कमीशन के आधार पर काम करने वालों को ईपीएफओ से जोड़ा जा सके।