सिर्फ दिल्ली में पंजीकृत टैक्सियां चलेंगी, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद निर्णय लेगा परिवहन विभाग
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने राजधानी में बढ़ते प्रदूषण पर काबू पाने के लिए दूसरे राज्यों से आने वाली ऐप आधारित टैक्सियों पर पाबंदी लगाने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि बुधवार को हुई एक बैठक में परिवहन विभाग को निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा, विभाग सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे लेकर विस्तृत आदेश जारी करेगा।
सरकार के इस फैसले के बाद राजधानी में सिर्फ दिल्ली में पंजीकृत (डीएल नंबर) टैक्सियां ही चल पाएंगी। इसका मतलब साफ है कि गाजियाबाद, नोएडा समेत दूसरे राज्यों से आने वाले टैक्सियों को प्रवेश नहीं मिल सकेगा। मंत्री गोपाल राय ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के प्रदूषण पर चिंता जताते हुए कई निर्देश दिए हैं। उसमें एक दिल्ली में बाहर से आने वाली टैक्सियों पर पाबंदी लगाना भी शामिल है। उसे लेकर परिवहन विभाग को निर्देश दिया है कि वह इस पूरे मामले को देखे और आदेश जारी करे। डीजल टैक्सी के अलावा सीएनजी चालित टैक्सियों पर पाबंदी से जुड़े सवाल पर मंत्री गोपाल राय ने कहा कि इसका एक विस्तृत आदेश जारी किया जाएगा।
परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, दिल्ली में दूसरे राज्यों से आने वाली टैक्सी पर पाबंदी 13 नवंबर को सम-विषम के साथ ही लागू हो सकती है। यह पाबंदी 20 नवंबर तक रहेगी। असल में आगामी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में प्रदूषण के मुद्दे पर दोबारा सुनवाई होनी है। अदालत के रुख के बाद ही इस आदेश को लागू किया जाएगा।
दिल्ली सरकार डीजल चालित टैक्सी पर पाबंदी लगाने पर भी विचार कर रही है। उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद दिल्ली के पर्यावरण विभाग को ऐसी टैक्सियों की सूची तैयार करने के लिए कहा गया है।
बढ़ते प्रदूषण पर काबू पाने के लिए दिल्ली में बाहरी टैक्सियों पर रोक की तैयारी, 13 नवंबर से लागू हो सकती है पाबंदी
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