पिथौरागढ़: कुमाऊं का सलान गांव उत्तराखंड के लिए एक प्रेरणादायी मिसाल है। दुर्गम होने के बावजूद यहां के लोगों ने पलायन को रोकने में कामयाबी पाई है। उपजाऊ जमीन, पर्याप्त सिंचाई, फल-सब्जियों और अनाज की अच्छी पैदावार, मेहनती किसान और आपसी भाईचारा इसके पीछे मुख्य कारण हैं।
हाल ही में गांव के पूरन सिंह खाती ने अन्य ग्रामीणों जैसे राम सिंह सुगड़ा, किशन सिंह खनी, कृष्ण सिंह और हरिहर खनी के साथ ‘पहाड़ी फसक’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में उन्होंने अपनी खेती की तकनीकों और अनुभवों को साझा किया।
सलान गांव की यह सफलता दिखाती है कि कैसे सही योजना और मेहनत से पहाड़ी क्षेत्रों में भी आत्मनिर्भरता हासिल की जा सकती है।
मुख्य बिंदु:
* सलान गांव: पलायन रोकने में सफल
* उपजाऊ जमीन, सिंचाई और मेहनती किसान
* ‘पहाड़ी फसक’ कार्यक्रम में ग्रामीणों ने लिया हिस्सा
* पहाड़ी क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता की मिसाल
यह खबर उन लोगों के लिए प्रासंगिक है जो:
* पहाड़ी क्षेत्रों में खेती करते हैं
* ग्रामीण विकास के मुद्दों में रुचि रखते हैं
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