हरिद्वार

मासूमों की मौत के बाद नहीं लग रही खनन के ओवरलोड डंपरों पर लगाम, कुंभकरणी नींद सोया प्रशासन

मातृ सदन और भारतीय किसान मजदूर उत्थान यूनियन जल्द करेगा आंदोलन शुरू

हरिद्वार- जनपद में अवैध खनन और ओवरलोड डंपरों पर लगाम नहीं लग पा रहा है। अभी तक जिले में ओवरलोड डंपरों की चपेट में आकर कई मासूमों की मौत हो चुकी है। मातृ सदन और भारतीय किसान मजूदर उत्थान यूनियन कई बार अवैध खनन को लेकर जिला प्रशासन को कई बार चेतावनी दे चुका है, लेकिन बावजूद इसके जिले में अवैध खनन बदस्तूर जारी है। भारतीय किसान मजदूर उत्थान यूनियन जल्द ही मातृ सदन के साथ मिलकर अवैध खनन पर रोक लगाने को लेकर आंदोलन करेगा। जिले में पथरी, बहादराबाद, श्यामपुर, लक्सर, भगवानपुर, कलियर, गंगनहर आदि स्थानों पर अवैध खनन जोरों-शोरों से चल रहा है। दिनदहाड़े क्षेत्र में चल रहे ओवरलोड डंपर कभी भी किसी बड़े हादसे को अंजाम दे सकते हैं। इन डंपरों से कई बड़ी-बड़ी घटना हो चुकी है। खनन माफियाओं ने खेत से लेकर गंगा नदी तक को नहीं छोड़ा है। प्रशासन भी इन हादसों से सबक लेकर इन खनन माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। जिसके चलते जिले में अवैध खनन बदस्तूर जारी है। ताजा मामला थाना पथरी क्षेत्र के डांडी चौक के पास मनचंदा हर्बल प्रोडक्ट्स लिमिटेड कंपनी के पास का है। भारतीय किसान मजदूर उत्थान यूनियन के राष्ट्रीय संरक्षक एवं मातृ सदन के स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि गंगा किनारे किसी भी प्रकार का खनन नहीं होना चाहिए। तत्कालीन जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय के समय पर अवैध खनन पर रोक लग चुकी थी, लेकिन नए जिलाधिकारी डीएस गर्ब्याल के आते ही अवैध खनन जिले में पुनः जारी हो गया है। गंगा किनारे यदि खनन जारी रहेगा तो इसके खिलाफ न्यायालय तक लड़ाई लड़ी जाएगी। इसकी तैयारियां भी पूर्ण कर ली गई हैं।
भारतीय किसान मजदूर उत्थान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव इरशाद अली ने बताया कि खनन माफियाओं के विरूद्ध कार्रवाई कराने को लेकर प्रशासन को कई बार लिखित और मौखिक रूप से अवगत कराया जा चुका है, लेकिन इसके बाद भी प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई जा रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रशासन की ओर से जिले के खनन माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई तो वह सड़कों पर उतर आंदोलन करने को बाध्य होंगे। इसी माह 3 और 4 जून को मातृ सदन में यूनियन का सम्मेलन हुआ था। सम्मेलन के दौरान जिलाधिकारी डीएस गर्ब्याल को पत्र भेजा गया था, लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। कहा कि प्रशासन को नींद से जगाने के लिए जल्द सड़कों पर उतरकर आंदोलन चलाया जाएगा। जिले में अवैध खनन पर रोक लगने के बाद ही आंदोलन को समाप्त किया जाएगा।

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