हरिद्वार: निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के कैंप कार्यालय पर फायरिंग मामले में पुलिस प्रशासन की कार्रवाई तेज हो गई है। एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने लापरवाही बरतने पर सिविल लाइंस कोतवाली के एसएसआई धर्मेंद्र राठी को लाइन हाजिर कर दिया, जबकि दरोगा राजीव उनियाल को निलंबित कर दिया है। साथ ही, अधीनस्थों को जल्द से जल्द मामले का खुलासा करने के निर्देश दिए गए हैं।
पृष्ठभूमि: विवाद की शुरुआत
खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार और पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बीच पिछले महीने सोशल मीडिया पर तीखी बयानबाजी शुरू हुई थी। यह विवाद 26 जनवरी को तब बढ़ गया जब चैंपियन अपने समर्थकों के साथ रुड़की स्थित उमेश कुमार के कैंप कार्यालय पहुंचे और वहां ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस घटना के बाद दोनों पक्षों पर केस दर्ज हुआ, जिसमें चैंपियन को जेल भेज दिया गया, जबकि उमेश कुमार को जमानत मिल गई।
फायरिंग के बाद सुरक्षा में ढिलाई
इस घटना के बाद पुलिस ने उमेश कुमार के कैंप कार्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी थी। लेकिन 24 फरवरी को पुलिस बल और बैरिकेडिंग हटा ली गई। इसके मात्र दो दिन बाद, 26 फरवरी की अलसुबह, नकाबपोश बाइक सवार बदमाशों ने कैंप कार्यालय पर दोबारा ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस हमले के बाद पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ केस दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी।
पुलिस प्रशासन पर गिरी गाज
इस मामले में लापरवाही सामने आने के बाद एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने कड़ी कार्रवाई की। उन्होंने फायरिंग की सूचना पर तत्काल घटनास्थल न पहुंचने और उच्चाधिकारियों को समय पर जानकारी न देने के कारण एसएसआई धर्मेंद्र राठी को लाइन हाजिर किया, जबकि दरोगा राजीव उनियाल को निलंबित कर दिया। साथ ही, पूरे प्रकरण की गहनता से जांच करने और जल्द से जल्द मामले का खुलासा करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।
मामले की जांच जारी
फायरिंग की इस घटना ने एक बार फिर राजनीतिक तनाव को बढ़ा दिया है। पुलिस बदमाशों की तलाश में जुटी हुई है और इस पूरे प्रकरण पर प्रशासन की कड़ी नजर बनी हुई है। इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है, यह देखने वाली बात होगी।
