नैनीताल

उच्च न्यायालय के पुर्व आदेश को जिलाधिकारी ने लिया संज्ञान में, दिया स्पष्टीकरण

कमल जगती

नैनीताल- उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पूरे उत्तराखंड समेत नैनीताल शहर में बंदरो व कुत्तों के बढ़ते आंतक से निजात दिलाने संबंधी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आज जिलाधिकारी नैनीताल और ई.ओ.नगर पालिका, व्यक्तिगत उपस्थित हुए। उन्होंने न्यायालय को अवगत कराया कि नगर में आवारा कुत्तों के लिए शैल्टर हाउस बनाने के लिए भूमि चयनित की जा चुकी है और एक माह के भीतर नगर के खूंखार कुत्तों को बाड़े में रखा जाएगा। मुख्य न्यायधीश की खण्डपीठ ने पूर्व में जारी दिशा निर्देशों का अनुपालन नही करने पर नगरपालिकाओं से टोल फ्री शिकायती नम्बर जारी करने को कहा है, तांकि लोग अपनी शिकायत दर्ज कर सके। मामले की सुनवाई के लिए न्यायालय ने 15 जून की तिथि नियत की है।
आज मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ में हुई।
मामले के अनुसार नैनीताल निवासी गिरीश चन्द्र खोलिया ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि नैनीताल शहर में कुत्तों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। अभी तक नैनीताल में सैकड़ो लोगों को आवारा कुत्ते काट चुके है। पिछले कुछ सालों में प्रदेश में आवारा कुत्तों ने करीब 40 हजार से अधिक लोगों को काट चुके है। कुछ समय पहले कुत्तों का बधियाकरण भी किया गया था बावजूद इसके इनकी संख्या बढ़ती ही जा रही है। याचिकाकर्ता ने बंदरो और कुत्तों की बढ़ती संख्या पर रोक लगाने की गुहार लगायी है।

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