धर्म-कर्म/मेले-पर्व

रस्म निभाने तक रह गए घुघुतिया जैसे पारंपरिक तीज-त्योहार

गांव-घरों में नहीं दिखता पहले जैसा उत्साह, सोशल मीडिया तक सीमित
अल्मोड़ा। कुमाऊँनी लोकपर्व घुघुतिया की आज जितनी चर्चा सोशल मिडिया में है उतनी उत्सुकता गांव घरों में नहीं है। एक समय था जब घुघुतिया की महीने भर पहले से बच्चों में चर्चा रहती थी।


वे भी क्या दिन थे, जब बच्चों को घुघुतिया का बेसब्री से इंतजार रहता था। आपस में शर्त भी रखी जाती थी कि मेरी माला सबसे बड़ी होगी। संक्रांति के दिन चार बजे सुबह उठकर, ठंड में नहाने का सबसे बड़ा संकट होता था। तब गाव में पानी के नल नहीं होते थे। धारे- नौलो से पानी लाना पढ़ता था। इसके बाबजूद भी बच्चों में ” घुघुती त्यार “की उत्सुकता देखते ही बनती थी। दिन में जब ईजा घुघुते बनाने लगती, हम अपने लिए हुडुक, तलवार, आंवकाट, चुच्ची अपने हाथ से बनाते थे। ईजा डांठती, आटे को वर्बाद मत करो। अगली सुबह अर्ली मॉर्निग उठकर कौवे को बुलाते- काले- काले, घुघुती खाले। उसके बाद ईजा भाई बहनों में घुघुतों का बटवारा कर देती, तांकि बच्चे आपस में लड़ें नहीं।
सामाजिक कार्यकर्ता किशन सिंह खनी कहते हैं कि तब घरों में खाने पीने की कमी होती थी, हर घर में 6-7 भाई- बहन होते थे। माला बनाने से पहले घुघुते पेट में चले जाते थे, फिर चुपचाप घर से घुघुते चुराकर माला बना ते थे।
गाँव की ही भगवती देवी कहती हैं कि त्योहार के दूसरे दिन कई साथियों के पेट में दर्द तो किसी को दस्त लग जाते थे। फिर हम सब मिलकर उनका मजाक बनाते कि पेट खराब होने तक घुघुते क्यों खाये। मोहन सिंह खनी कहते हैं कि तब खाने की बहुत कमी थी। पूड़ी तो दूर की बात है गेहूँ की रोटी तक घर में नहीं बनती थी। कौणी और मादीरे का भात बनाया जाता था। घुघुतिया के दिन चावल का भात, घुघुते और पूडियाँ बनाई जाती थी इसलिए हम सब उत्सुक रहते की कब खाने को घुघुते मिलें। आज के बच्चे कुरकुरे खाते हैं उन्हें घुघुतों से कोई मतलव नहीं।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तरायणी मेला: 14 जनवरी को छोलिया नृत्य होगा मुख्य आकर्षण
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

CWN उत्तराखंड समेत देश और दुनिया भर के नवीनतम समाचारों का डिजिटल माध्यम है। अपने विचार या समाचार प्रसारित करने के लिए हमसे संपर्क करें। धन्यवाद

[email protected]

संपर्क करें –

ईमेल: [email protected]

Select Language

© 2023, CWN (City Web News)
Get latest Uttarakhand News updates
Website Developed & Maintained by Naresh Singh Rana
(⌐■_■) Call/WhatsApp 7456891860

To Top
English हिन्दी