देहरादून। केंद्र सरकार की ओर से मोटर वाहन अधिनियम व श्रम कानूनों में प्रस्तावित बदलाव के विरोध में शुक्रवार को होने वाली ट्रेड यूनियनों की हड़ताल में यात्री वाहनों का संचालन बंद नहीं होगा।
हालांकि, सेंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) के बैनर तले प्रस्तावित हड़ताल में सीटू ने यात्री वाहनों का संचालन बंद रखने का आह्वान किया है, लेकिन सभी परिवहन कारोबारियों ने ऐसा करने से मना कर दिया है। परिवहन कारोबारियों ने हड़ताल को नैतिक समर्थन देने की बात कही है।
सीटू के प्रांतीय सचिव लेखराज ने दावा किया कि शुक्रवार को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर होने वाली श्रमिकों की हड़ताल को सफल बनाने के लिए सीटू से जुड़ी सभी यूनियनें व कर्मचारी कार्य-बहिष्कार करेंगे। उन्होंने बताया कि हड़ताल के दृष्टिगत सभी विभागों में पूर्व में ही नोटिस दिया जा चुका है।
दावा किया गया कि हड़ताल में आंगनबाड़ी यूनियन की ओर से बाल विकास एवं महिला सशक्तीकरण निदेशालय, उत्तराखंड भोजनमाता कामगार यूनियन की ओर से शिक्षा निदेशालय, जबकि उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन की ओर से स्वास्थ्य निदेशालय में कार्य-बहिष्कार का पहले ही नोटिस दिया जा चुका है।
लेखराज ने दावा किया कि स्कूल कर्मचारी भी हड़ताल पर रहेंगे। उन्होंने हड़ताल में परिवहन सेवा की कई यूनियनों के शामिल होने का दावा भी किया। जिनमें देहरादून-विकासनगर-डाकपत्थर बस यूनियन, दून आटो रिक्शा यूनियन के साथ ही ई-रिक्शा यूनियन भी शामिल हैं, लेकिन बस और आटो यूनियन ने हड़ताल में वाहन बंद रखने से इनकार कर दिया है। लेखराज ने बताया कि सभी प्रदर्शनकारी दोपहर 12 बजे गांधी पार्क में एकत्रित होकर कलेक्ट्रेट कूच करेंगे व जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा जाएगा।
देहरादून-विकासनगर-डाकपत्थर बस यूनियन एवं स्टेज कैरिज बस आपरेटर्स यूनियन के अध्यक्ष रामकुमार सैनी ने बताया कि कुछ चालक-परिचालक सीटू से जुड़े हुए हैं। अगर वह हड़ताल में शामिल होते हैं तो निर्णय उनका होगा। इससे बसों के संचालन पर अधिक असर नहीं पड़ेगा। सैनी ने बताया कि उनके मार्ग पर रोजाना 100 से अधिक बसों का संचालन होता है। वहीं, आटो रिक्शा यूनियन के अध्यक्ष पंकज अरोड़ा ने हड़ताल को नैतिक समर्थन देने और वाहन संचालन बंद न करने की बात कही।
मोटर वाहन अधिनियम व श्रम कानूनों में प्रस्तावित बदलाव के विरोध में ट्रेड यूनियनों की हड़ताल आज
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