नई दिल्ली: एक नए शोध के अनुसार, निर्धारित समय पर भोजन न करने से मोटापा और मधुमेह जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। पेनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए इस अध्ययन में पाया गया है कि शिफ्ट में काम करने वाले या अक्सर यात्रा करने वाले लोगों में भोजन का समय अनियमित होने के कारण मेटाबॉलिज्म यानी उपापचय में गड़बड़ी होती है, जिससे मोटापा और मधुमेह होने का खतरा बढ़ जाता है।
लिवर का अपना समय
शोधकर्ताओं के अनुसार, लिवर में एक खास जीन आरइवी-ईआरबी होता है जो शरीर की जैविक घड़ी को नियंत्रित करता है। जब हम भूख महसूस करते हैं तो यह जीन दिमाग को संकेत भेजता है। अगर हम इस संकेत को अनदेखा करते हैं और निर्धारित समय पर भोजन नहीं करते हैं तो हमारा मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है। अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉ. मिशेल लाजार ने बताया कि इंसान नींद के दौरान भोजन नहीं करते हैं और सक्रिय होने पर ही भोजन करते हैं। यह प्रक्रिया लिवर से दिमाग तक संदेश पहुंचाने की प्रक्रिया से जुड़ी होती है।
भारत में मधुमेह के मरीजों की संख्या
2023 में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के अनुसार, भारत में करीब 10.1 मिलियन मधुमेह के मरीज हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनियाभर में यह संख्या 83 करोड़ के आसपास है। यह अध्ययन इस बात की ओर इशारा करता है कि भोजन के समय में अनियमितता मधुमेह जैसी बीमारियों के बढ़ने का एक प्रमुख कारण हो सकती है।