देहरादून। उत्तराखंड में अब अवैध खनन पर लगाम लगने वाली है। अवैध तरीके से हो रहे खनन को रोकने के लिए अब विभाग ने तैयारी कर ली है। औद्योगिक विकास विभाग (खनन) अब सभी जिलों में हाईटेक चेकपोस्ट तैयार करने की तैयारी कर रहा है। इन चेकपोस्ट पर सेंसर और कैमरे लगाए जाएंगे, जिनसे गुजरने वाले वाहनों के बारे में पता चल सकेगा कि उस वाहन ने रवन्ना काटा है या नहीं। साथ ही वाहन क्षमता के हिसाब से खनन सामग्री के बारे में भी जानकारी मिल सकेगी।
इस वर्ष सरकार ने खनन से लगभग 850 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य तय किया है। इसके लिए जरूरी है कि अवैध खनन पर अंकुश लगाया जाए। प्रदेश में प्रदेश में अवैध खनन की रोकथाम हमेशा से ही एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आया है। नदियों में खनन के लिए निर्धारित क्षेत्र से बाहर जाकर बड़े पैमाने पर बेतरतीब ढंग से खनन, एक ही रवन्ने से कई-कई फेरे उपखनिज का ढुलान जैसी शिकायतें आम हैं। इससे जहां सरकार को राजस्व की हानि हो रही है, वहीं नदियों में अवैज्ञानिक ढंग से हुआ खनन बाढ़ के खतरे का सबब भी बन रहा है।
इसे देखते हुए वर्ष 2019 में सरकार के निर्देश पर शासन ने खनन विभाग को ऐसे सभी वाहनों में जीपीएस लगाने के निर्देश दिए, जिनका उपयोग खनन सामग्री के ढुलान में किया जा रहा है। उद्देश्य यह देखना था कि वाहन कब खनन लाट से बाहर निकल कर रहे हैं, कहां जा रहे हैं, जीपीएस लगने से इसकी पूरी जानकारी विभाग के पास रहेगी। हालांकि, विभिन्न कारणों से यह योजना परवान नहीं चढ़ पाई।
उत्तराखंड में अब अवैध खनन पर लगेगी लगाम, सभी जिलों में हाईटेक चेकपोस्ट बनेंगी
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