गंगनहर को 20 दिनों के लिए बंद किए जाने से 16 घंटे जलविहीन रही हरकी पैड़ी
हरिद्वार। गंगनहर को 20 दिनों के लिए बंद किए जाने के कारण हरकी पैड़ी और आसपास के गंगा घाट 16 घंटे तक जलविहीन रहे। स्नान के लायक भी जल न होने से श्रद्धालुओं को मायूस होकर लौटना पड़ा। बुधवार दोपहर बाद गंगासभा की ओर से यूपी सिंचाई विभाग से बातचीत की गई, उसके बाद ही यूपी सिंचाई विभाग ने थोड़ा बहुत जल छोड़ा, लेकिन वह डुबकी लगाने लायक नहीं था।
उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की ओर से प्रतिवर्ष इन्हीं दिनों गंगनहर को सफाई और मरम्मत के लिए बंद किया जाता है। मंगलवार देर रात को भीमगोड़ा बैराज से गंगनहर में जल बंद कर दिया गया। जिसके बाद बुधवार को हरकी पैड़ी सहित सभी गंगा घाटों पर स्नान लायक जल नहीं रहा। दशहरे के कारण हजारों की संख्या में यात्री गंगा स्नान को हरकी पैड़ी पहुंचे थे। लेकिन गंगनहर बंद होने के कारण श्रद्धालुओं को स्नान और कर्मकांड करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। डामकोठी से आगे ज्वालापुर तक गंगनहर पर बने अनेक घाट जलविहीन रहे। वहीं गंगा में पैसे सहित विभिन्न सामान ढूंढने के लिए देर रात से ही लोग जुट गए थे। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के जेई हरीश कुमार ने बताया कि नहर बंदी के दौरान 50 क्यूसेक जल हरकी पैड़ी पर छोड़े जाने का अनुबंध है। इतना जल हरकी पैड़ी पर छोड़ा जा रहा है, ताकि यात्री और श्रद्धालु कर्मकांड और स्नान कर सकें। इधर श्रीगंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने बताया कि अधिकारियों से बातचीत के बाद दोपहर बाद जल आना शुरू हुआ।16 घंटे जलविहीन रही हरकी पैड़ी मंगलवार रात 10 बजे हरकी पैड़ी पर जल नहीं था। दोपहर दो बजे तक यही स्थिति बनी रही। करीब 16 घंटे हरकी पैड़ी पर जल नहीं रहा। दो बजे के बाद लोगों ने ब्रह्मकुंड में स्नान भी किया।
हरकी पैड़ी पर श्रद्धालुओं के स्नान के लिए छोड़ा गया जल
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