ऊधमसिंहनगर-नैनीताल और हरिद्वार में प्रत्याशी चयन को लेकर उलझी कांग्रेस, कल तक घोषित हो सकते हैं उम्मीदवार
देहरादून। उत्तराखंड में हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर-नैनीताल सीटों से कांग्रेस को काफी उम्मीदें हैं। इन दोनों ही संसदीय क्षेत्रों में कांग्रेस के पास विधायकों की अच्छी-खासी संख्या है।
अनुसूचित जाति-जनजाति के साथ ही मुस्लिम मतदाताओं के बूते पार्टी को उम्मीद है कि इन दोनों ही सीटों पर भाजपा की किलेबंदी को भेदा जा सकता है। यही कारण है कि इन सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा को लेकर सावधानी और सतर्कता बरती जा रही है। माना जा रहा है कि पार्टी प्रत्याशियों के चयन को लेकर चौंका सकती है।
कांग्रेस ने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में पर्वतीय जिलों की तुलना में दोनों मैदानी जिलों हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर जिले में अपेक्षाकृत अच्छा प्रदर्शन किया। भाजपा को विधानसभा चुनाव में प्रदेश में भले ही प्रचंड बहुमत मिला, लेकिन इन दोनों जिलों में कांग्रेस को भाजपा से कई सीटें छीनने में सफलता मिली।
हरिद्वार जिले की 11 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस के पास पांच सीटें हैं। इसके अतिरिक्त जिले में दो सीट बसपा के पास थीं। इनमें से एक सीट बसपा विधायक सरबत करीम अंसारी के निधन के कारण रिक्त है। एक सीट पर निर्दलीय विधायक हैं। इस प्रकार हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र की कुल 14 विधानसभा सीट में से भाजपा के पास मात्र छह सीट हैं।
वहीं, आठ सीटों पर कांग्रेस, बसपा व निर्दलीय का कब्जा है। इस सीट पर मुस्लिम, अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के मतदाताओं की अच्छी-खासी संख्या है। इसे देखते हुए कांग्रेस को उम्मीद है कि पार्टी इस सीट पर भाजपा को कड़ी चुनौती दे सकती है। इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को पार्टी टिकट का सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है। यद्यपि, हरीश रावत अपने पुत्र वीरेंद्र रावत को टिकट देने के लिए पैरवी कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा भी इस सीट पर दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं।
गत दिनों हरिद्वार जिले से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने भी नई दिल्ली में कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा से भेंट की थी। माना जा रहा है कि निर्दलीय विधायक का समर्थन कांग्रेस को मिल सकता है। वहीं ऊधमसिंहनगर-नैनीताल संसदीय क्षेत्र की कुल 14 विधानसभा सीटों में कांग्रेस के पास छह सीट हैं। इनमसे पांच सीट ऊधमसिंहनगर जिले में ही हैं। इस सीट पर भी मुस्लिम के साथ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं की बड़ी संख्या है।
कांग्रेस इसी कारण अपनी संभावनाओं को बेहतर मान रही है। इस सीट पर कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी, पूर्व सांसद महेंद्रपाल, पूर्व राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी, पूर्व विधायक रणजीत रावत, दीपक बल्युटिया और गणेश उपाध्याय को दावेदार माना जा रहा है। पार्टी की ओर से कराए गए एक सर्वे में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य को प्रबल दावेदार आंका गया है।
इस सीट पर प्रत्याशी तय करने में पार्टी विधायकों के समर्थन के साथ ही वरिष्ठ नेताओं की राय की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा रही है। भाजपा प्रदेश की सभी पांचों सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। ऐसे में कांग्रेस पर भी शेष दो सीटों पर प्रत्याशी घोषित करने का दबाव बढ़ गया है।
माना जा रहा है कि कांग्रेस एक-दो दिन में इन सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर सकती है। पार्टी नेतृत्व ने इन दोनों सीटों के संबंध में चर्चा के लिए नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा को शुक्रवार को दिल्ली बुलाया है। दोनों नेता दिल्ली पहुंच चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत भी इस समय दिल्ली में उपस्थित हैं। शुक्रवार को प्रस्तावित बैठक में वह भी भाग ले सकते हैं।
यशपाल आर्य, करन माहरा और हरीश रावत पहुंचे दिल्ली, टिकी सबकी नजरें
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