अपराध

मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाकर महिला डॉक्टर से 4.47 करोड़ रुपए की ठगी  

साइबर ठगों ने स्काइप कॉल पर डाक्टर को जाल में फंसाया, एफडी तक तुड़वा ली

नई दिल्ली। एक 34 साल की महिला डॉक्टर से स्काइप कॉल के जरिए 4 करोड़ 47 लाख रुपए की ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। डॉक्टर ने अपनी एफडी तक तुड़वा दी। डाक्टर पूनम ने पुलिस को बताया- 5 मई की सुबह 10:39 बजे मोबाइल पर एक अनजान नंबर से फोन आया। कॉलर ने खुद को फेड एक्स (कोरियर कंपनी) का कर्मचारी बताया। उसने कहा- मेरा पार्सल सीज हो गया है। मैं डीटेल्‍स के लिए 1 दबाऊं। मुझे बताया गया कि पैकेट के भीतर पासपोर्ट, बैंकिंग डॉक्यूमेंट्स, दो जोड़ी जूते, 140 ग्राम MDMA ड्रग्स और कपड़े हैं।
कॉलर्स ने दावा किया कि पार्सल को मुंबई से ताइवान जाना था। इसे 21 अप्रैल 2023 को बुक किया गया था। ICICI क्रेडिट कार्ड से 25 हजार 25 रुपए प्‍लस GST का पेमेंट हुआ था। जब डॉक्टर ने कहा कि उसे किसी कूरियर के बारे में नहीं पता। कॉलर ने उसे अंधेरी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने को कहा। फिर कॉल किसी इंस्‍पेक्‍टर स्मिता पाटिल को ट्रांसफर कर दी गई। इंस्‍पेक्‍टर पाटिल ने सलाह दी कि ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा दें और स्‍काइप ऐप डाउनलोड करें।
पीड़िता ने बताया कि मुझे मुंबई अंधेरी ईस्ट साइबर क्राइम नाम की प्रोफाइल से स्काइप कॉल आया। महिला इंस्पेक्टर स्मिता पाटिल मुझसे नई स्‍काइप ID पर जुड़ी। फिर मुझसे इसी ID पर बयान दर्ज कराने को कहा गया। मुझे होल्ड पर डाल उसने किसी और से बात की और कन्फर्म करने की कोशिश कि मेरे आधार ID का गलत इस्तेमाल तो नहीं हुआ है।
डॉक्टर ने सुना कि वो कॉल पर कह रहा है कि उनकी ID का इस्‍तेमाल मुंबई में 23 बैंक खाते खोलने में हुआ है। मनी लॉन्ड्रिंग का शक है। फिर इंस्‍पेक्‍टर बनी महिला ने कहा कि डॉक्टर के खिलाफ कई अपराधों की जांच होगी और उसे गिरफ्तार करना पड़ेगा। डॉक्टर से कहा कि सभी बैंक अकाउंट में कितना बैलेंस है, इसका स्क्रीनशॉट दे। एक-एक रुपए की जानकारी बताएं। कॉलर्स ने जो कहा वो घबराई डॉक्टर ने कर दिया। कॉल पर मौजूद ठगों ने सलाह दी कि जब्ती और वेरिफिकेशन के लिए FD तुड़वा दें। डॉक्‍टर ने 1.15 करोड़ की FD तुड़वाई और फिर बाकी के लिए गोपीनाथ बाजार स्थित ब्रांच जाने को कहा गया।
पीड़िता से कहा गया था कि किसी को इंवॉल्व न करे, अपने पति को भी नहीं क्योंकि फिर उन्हें भी अपराध में सहयोगी माना जाएगा। डॉक्टर से RTGS फॉर्म भरने को कहा गया। एक नई स्काइप ID से कॉन्‍ट्रैक्‍ट को कहा गया जिसका नाम महाराष्‍ट्र नारकोटिक्स डिव‍िजन था। खुद को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का अधिकारी बताने वाला एक अधिकारी भी जुड़ा।
डॉक्टर से कहा गया कि उसके खाते में जमा पैसा अपराध का है और उसे RBI के खाते में ट्रांसफर कर दें। वेरिफिकेशन के बाद रकम वापस कर दी जाएगी। मुंबई पुलिस के लेटरहेड पर एक शिकायत डॉक्टर को भेजी गई। साथ में RBI की एक चिट्ठी भी आई। महिला को फिर कहा गया कि 1 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन कर स्क्रीनशॉट शेयर करें। उसके बाद 90 लाख रुपए का एक ट्रांसफर और हुआ। महिला डॉक्टर को उसके पति के साइन लेने पर मजबूर किया गया। फिर जॉइंट FD तुड़वा कर वह रकम भी ट्रांसफर करा ली। जब कुल 4.73 करोड़ रुपए ट्रांसफर हो गए तो महिला से कहा गया कि वह RBI की क्लियरेंस रिपोर्ट का इंतजार करे। ठगों ने डॉक्टर से यह भी कहा कि वे उसका नया आधार ID बनाएंगे क्योंकि पिछला वाला ब्लॉक कर दिया गया है। उसे स्काइप पर हुई सारी बातचीत डिलीट करने को कहा गया। डॉक्टर को यकीन था कि उसका पैसा ड्रग्‍स से नहीं आया मगर उसने इंतजार किया। 9 मई तक किसी का जवाब नहीं आया। आखिर में महिला को दो क्लियरेंस सर्टिफिकेट भेजे गए थे। इनमें लिखा था कि उसके खाते ठीक हैं और उनसे कोई अवैध लेन-देन नहीं पकड़ा गया। पुलिस अभी स्काइप कॉल का पता नहीं लगा सकी है। महिला की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया गया है।

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