चमकेंगी गलियाँ
अब चमकेगी राहें,
न भरनी पड़ेंगी
मायूसी की आहें,
लपक करके नेता
ये वोटर से बोले,
मुझे देखकर यूँ न
फेरो निगाहें।
देवेश द्विवेदी ‘देवेश’
चमकेंगी गलियाँ
अब चमकेगी राहें,
न भरनी पड़ेंगी
मायूसी की आहें,
लपक करके नेता
ये वोटर से बोले,
मुझे देखकर यूँ न
फेरो निगाहें।
देवेश द्विवेदी ‘देवेश’