सरस्वती पूजा में ज्ञान और विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा का विधान: उद्धव मिश्रा
हरिद्वार। तीर्थनगरी हरिद्वार की पावन भूमि पर पूर्वांचल उत्थान संस्था की ओर से सरस्वती पूजन समारोह की तैयारियां जारी है। विद्वान आचार्य उद्धव मिश्रा ने कहा कि सनातनधर्म में पर्वों का निर्धारण पंचांग देखकर किया जाता है। क्योंकि पर्वों में मुहुर्त का विशेष महत्व होता है। इसीलिए मुहुर्त देखने पंचांग जरूरी है।
उन्होंने कहा कि कि पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को सरस्वती पूजा होती है। सरस्वती पूजा में ज्ञान और विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा-अराधना करने का विधान है। सरस्वती पूजा के दिन को वसंत पंचमी, मधुमास, ज्ञान पंचमी, श्री पंचमी आदि जैसे नामों से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन किए पूजा-पाठ से ज्ञान
और सफलता की प्राप्ति होगी है और देवी सरस्वती से सर्व मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। वसंत पचंमी के दिन विशेष कर छात्र व विद्यार्थी वर्ग के लोग पूजा-पाठ
करते हैं. क्योंकि वीणा वादिनी देवी सरस्वती बुद्धि, विद्या और ज्ञान की देवी कहलाती है। इसलिए पढ़ाई या परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं को वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा जरूर करनी चाहिए।
ज्योतिषाचार्य त्रिपुरारी झा ने कहा कि माघ शुक्ल की पंचमी तिथि दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से आरंभ होगी और पंचमी तिथि का समापन अगले दिन 26 जनवरी सुबह 10 बजकर 29
मिनट पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार गुरुवार 26 जनवरी को सरस्वती पूजा की जाएगी। पूजा के लिए 26 जनवरी सुबह 7 बजकर 12 मिनट से शुभ मुहूर्त शुरू होगी। आचार्य भोगेंद्र झा ने कहा कि ज्योतिष के अनुसार इस साल सरस्वती पूजा पर 4 शुभ योग का संयोग बन रहा है, जोकि अत्यंत ही फलदायी होगा। इस दिन सिद्ध योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, शिव योग और रवि योग बनेंगे।
रवि योग: रवि योग 26 जनवरी शाम 06:57 से शुरू होगा और 27 जनवरी सुबह 07:12 मिनट तक रहेगा. मान्यता है कि इस योग में सूर्य देव का प्रभाव होता है और इस दौरान किए सभी कार्यों से सूर्य देव की कृपा से अमंगल दूर होते हैं और शुभता की प्राप्ति होती है.सर्वार्थ सिद्धि योग: सरस्वती पूजा के दिन।यानी 26 जनवरी को शाम 06:57 बजे से सर्वार्थ सिद्धि योग शुरु होगा जोकि 27 जनवरी सुबह 07:12 बजे तक रहेगा. इस योग को किसी भी कार्य के लिए बहुत शुभ माना गया है। इस योग में किए सभी कार्य सफल, संपन्न और सिद्ध होते हैं.शिव योग: शिव
योग 26 जनवरी की सुबह से दोपहर 03:29 बजे तक रहेगा. इसमें ध्यान, पूजा का विशेष महत्व होता है. सिद्ध योग: शिव योग की समाप्ति के बाद सिद्ध योग।शुरू हो जाएगा, जोकि पूरी रात्रि तक रहेगा. सिद्ध योग को भी ज्योतिष में अत्यंत शुभ माना गया है।