उत्तरकाशी: विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट 2 नवंबर, 2024 को दोपहर 12:14 बजे अभिजीत मुहूर्त में शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस दौरान मां गंगा की विग्रह डोली गंगोत्री से प्रस्थान कर रात्रि विश्राम मारकंडे मंदिर में किया।
तीन नवंबर को मां गंगा की डोली मुखवा में विराजमान होगी, जहां अगले छह महीने तक श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन कर सकेंगे।
अन्नकूट पर्व पर हुआ समारोह:
गंगोत्री धाम में कपाट बंद होने का यह पर्व अन्नकूट के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया गया और बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
गंगोत्री धाम का महत्व:
गंगोत्री धाम हिंदुओं का एक प्रमुख तीर्थस्थल है। माना जाता है कि यहीं से गंगा नदी निकलती है। लाखों श्रद्धालु हर साल गंगोत्री धाम में दर्शन करने आते हैं।
मुखवा में शीतकालीन प्रवास:
शीतकाल में गंगोत्री धाम में भारी बर्फबारी होती है, जिसके कारण यहां पहुंचना मुश्किल हो जाता है। इसलिए मां गंगा की डोली को मुखवा गांव ले जाया जाता है, जहां अगले छह महीने तक श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन कर सकते हैं।
श्रद्धालुओं में मायूसी:
गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने से श्रद्धालुओं में मायूसी है। हालांकि, वे अगले साल फिर से मां गंगा के दर्शन करने की उम्मीद लगाए हुए हैं।
प्रशासन की तैयारियां:
जिला प्रशासन ने गंगोत्री धाम में कपाट बंद होने की तैयारियां पूरी कर ली हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी आवश्यक इंतजाम किए गए हैं।
यह खबर उन सभी श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण है जो गंगोत्री धाम में दर्शन करने की योजना बना रहे हैं।
गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद
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