रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम के कपाट इस वर्ष 3 नवंबर को भैयादूज के पावन पर्व पर सुबह 8:30 बजे श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाएंगे। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 10 मई को धाम के कपाट खुले थे और तब से अब तक 13 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए हैं।
कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार की पंचमुखी भोगमूर्ति चल विग्रह उत्सव डोली में विराजमान होकर धाम से अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान करेगी। यात्रा के दौरान पहला पड़ाव रामपुर होगा जहां डोली रात्रि प्रवास करेगी। इसके बाद 4 नवंबर को बाबा केदार की डोली विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में विश्राम करेगी।
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए भैयादूज पर्व पर बंद किए जा रहे हैं। इस दौरान बाबा केदार की पूजा-अर्चना उनके शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में की जाएगी।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़:
इस वर्ष केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। कोविड-19 महामारी के बाद यह पहला वर्ष था जब धाम को बिना किसी प्रतिबंध के खोला गया था। श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन कर आशीर्वाद लिया।
प्रशासन की तैयारियां:
धाम के कपाट बंद होने की तैयारियां प्रशासन द्वारा शुरू कर दी गई हैं। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
धार्मिक महत्व:
केदारनाथ धाम हिंदुओं का एक प्रमुख तीर्थस्थल है। मान्यता है कि यहां भगवान शिव का केदारनाथ रूप निवास करते हैं।
केदारनाथ धाम के कपाट 3 नवंबर को होंगे बंद
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