नैनीताल: नैनीताल तहसील में एक बड़े जमीन खरीद घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। जांच में सामने आया है कि राज्य के बाहर के 43 लोगों ने उत्तर प्रदेश जमीदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950 की धारा 154 (4) (3) (ख) के तहत अनुमति लेकर 23.889 हेक्टेयर जमीन खरीदी थी। हालांकि, इन लोगों ने जमीन खरीद के बाद शर्तों का पालन नहीं किया और कृषि संबंधी कोई कार्य नहीं किया।
जिला प्रशासन की जांच में पता चला है कि दिल्ली, मुंबई और उत्तर प्रदेश के रहने वाले इन 43 लोगों ने करीब दो साल पहले जमीन खरीदी थी। लेकिन, उन्होंने भूमि खरीद के उद्देश्य के अनुरूप कोई कृषि कार्य नहीं किया। इस तरह उन्होंने कानून का उल्लंघन किया है।
एसडीएम प्रमोद कुमार ने बताया कि इन लोगों ने उत्तर प्रदेश जमीदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950 की धारा 154(4) (3) (ख) का उल्लंघन किया है। अब इनके खिलाफ धारा 166/167 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
पहाड़ी क्षेत्र में जमीन खरीद का मसला
पहाड़ी क्षेत्रों में बाहरी लोगों द्वारा जमीन खरीदने का मामला गंभीर होता जा रहा है। कई बार लोग नियमों का उल्लंघन करके जमीन खरीद लेते हैं और फिर उसका उपयोग कृषि के बजाय अन्य उद्देश्यों के लिए करते हैं। इससे स्थानीय लोगों को नुकसान होता है और पर्यावरण भी प्रभावित होता है।
क्या हैं इस मामले के निहितार्थ?
* कानून का उल्लंघन: इस मामले में 43 लोगों ने स्पष्ट रूप से कानून का उल्लंघन किया है।
* स्थानीय लोगों पर असर: जमीन खरीद के कारण स्थानीय लोगों के पास कृषि योग्य भूमि कम होती जा रही है।
* पर्यावरण पर असर: जमीन के गलत उपयोग से पर्यावरण भी प्रभावित हो रहा है।
* शासन प्रशासन की कार्यवाही: प्रशासन ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की है, जो सराहनीय है।
आगे क्या होगा?
अब प्रशासन इन 43 लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा। साथ ही, प्रशासन यह भी सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में इस तरह के मामले न हों। इसके लिए प्रशासन को जमीन खरीद-फरोख्त पर कड़ी नजर रखनी होगी और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी।
यह मामला एक महत्वपूर्ण संदेश देता है कि
* जमीन खरीदते समय कानूनों का पालन करना बहुत जरूरी है।
* जमीन का उपयोग केवल कृषि के लिए ही किया जाना चाहिए।
* प्रशासन को जमीन खरीद-फरोख्त पर कड़ी नजर रखनी चाहिए।