देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के पर्यटन क्षेत्र में सुधार और विस्तार पर जोर देते हुए कहा कि पर्यटन को बारहमासी बनाना होगा, ताकि सालभर आर्थिक गतिविधियां चलती रहें। उन्होंने कहा कि अभी पर्यटन सीजन आधारित है, जिसमें मार्च से जून के बीच बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, लेकिन बाकी समय होटल, रिसॉर्ट और होमस्टे खाली पड़े रहते हैं। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है।
बृहस्पतिवार को पीएम मोदी उत्तराखंड में थे, जहां उन्होंने हर्षिल में ट्रेक और बाइक रैली को हरी झंडी दिखाने के बाद शीतकालीन पर्यटन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इसके अलावा, मुखवा में मां गंगा के शीतकालीन गद्दी स्थल पर पूजा-अर्चना की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कोई भी मौसम ऑफ-सीजन नहीं होना चाहिए। सर्दियों में भी यहां पर्यटन को बढ़ावा देना जरूरी है, ताकि रोजगार के अवसर बने रहें और स्थानीय लोग लाभान्वित हो सकें।
विंटर टूरिज्म को बढ़ाने के लिए दिए सुझाव
पीएम मोदी ने कहा कि उत्तराखंड को विंटर टूरिज्म के लिए विकसित करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने सुझाव दिए कि—
- अन्य देशों का अध्ययन करें: जो देश शीतकालीन पर्यटन के लिए प्रसिद्ध हैं, वहां का अध्ययन कराया जाए और उसके आधार पर योजनाएं बनाई जाएं।
- स्थानीय परंपराओं को बढ़ावा दें: उत्तराखंड की संस्कृति, संगीत, नृत्य और धार्मिक अनुष्ठानों को पर्यटन के आकर्षण के रूप में प्रचारित किया जाए।
- हॉट स्प्रिंग्स को वेलनेस सेंटर बनाएं: यहां मौजूद गर्म पानी के स्रोतों को वेलनेस स्पा के रूप में विकसित किया जाए, जिससे सर्दियों में भी लोग यहां आ सकें।
- विंटर योगा रिट्रीट: शांत, बर्फीले इलाकों में विंटर योगा रिट्रीट आयोजित किए जाएं, जिससे ध्यान और योग के इच्छुक लोगों को आकर्षित किया जा सके।
- धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा: बड़े संतों, मठाधीशों और योगाचार्यों से आग्रह किया जाए कि वे साल में कम से कम एक बार अपने शिष्यों के साथ उत्तराखंड में योग शिविर लगाएं।
- वाइल्डलाइफ सफारी: यहां की वन संपदा और बर्फीले क्षेत्रों में विशेष वाइल्डलाइफ सफारी का आयोजन किया जा सकता है, जिससे पर्यटकों को नया अनुभव मिलेगा।
पर्यटन के लिए बुनियादी ढांचे का विकास
पीएम मोदी ने बताया कि उत्तराखंड में इको लॉग हट्स, कन्वेंशन सेंटर और हेलीपैड इंफ्रास्ट्रक्चर पर तेजी से काम हो रहा है। टिम्मर-सैण महादेव, माणा गांव और जादुंग गांव में पर्यटन सुविधाओं को नया रूप दिया जा रहा है।
उन्होंने एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि 1962 में चीन-भारत युद्ध के दौरान जादुंग और एक अन्य गांव को खाली करवा दिया गया था। अब सरकार इन गांवों को फिर से बसाने का अभियान चला रही है और इन्हें बड़े टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है।
पीएम मोदी ने हाल ही में माणा गांव में हिमखंड गिरने की घटना में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि भी दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोगों का साहस और धैर्य देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
“मां गंगा ने मुझे गोद ले लिया”
मुखवा गांव में मां गंगा के शीतकालीन गद्दी स्थल पर पूजा-अर्चना के दौरान पीएम मोदी भावुक हो गए। उन्होंने कहा, “मां गंगा की कृपा से मुझे दशकों तक उत्तराखंड की सेवा का सौभाग्य मिला। उन्हीं के आशीर्वाद से मैं काशी पहुंचा और वहां सांसद के रूप में सेवा कर रहा हूं। मैंने काशी में कहा भी था— ‘मुझे मां गंगा ने बुलाया है।’ लेकिन अब मुझे ऐसा महसूस हो रहा है कि मां गंगा ने मुझे गोद ले लिया है।”
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में सर्दियों के दौरान धार्मिक अनुष्ठान विशेष महत्व रखते हैं। मुखवा गांव में होने वाले धार्मिक आयोजन प्राचीन और अद्भुत परंपराओं का हिस्सा हैं। अगर देश-विदेश के लोग सर्दियों में यहां आएं, तो उन्हें उत्तराखंड की असली आध्यात्मिकता और देवभूमि की वास्तविक आभा का अनुभव होगा।
“अब ऑफ नहीं, ऑन का जमाना”
पीएम मोदी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार का विजन बारहमासी पर्यटन को बढ़ावा देना है, जिससे सालभर रोजगार के अवसर बने रहें। उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील की कि वे पर्यटन की नई संभावनाओं को अपनाएं और राज्य को एक प्रमुख वैश्विक पर्यटन स्थल बनाने में योगदान दें।
उन्होंने उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता, धार्मिक महत्व और रोमांचक पर्यटन संभावनाओं की सराहना की। साथ ही, सरकार को निर्देश दिया कि पर्यटन को सिर्फ गर्मियों तक सीमित न रखा जाए, बल्कि हर मौसम में इसे आकर्षक बनाया जाए।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन का समापन करते हुए कहा— “अब ऑफ नहीं, ऑन का जमाना है। उत्तराखंड में हर मौसम पर्यटन का मौसम होना चाहिए।”
