सुरेश्वरी देवी मंदिर में नवरात्र पर उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़
हरिद्वार। सुरेश्वरी देवी मंदिर का उल्लेख स्कंद पुराण के केदारखंड में भी है। मान्यता है कि मां के दर्शन मात्र से ही चर्म रोगी और कुष्ठ रोग ठीक हो जाता है। नवरात्र के अष्टमी और नवमी के दिन मां के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है।
चंद्रवंशी राजा रजी के पुत्र से युद्ध हार गए और स्वर्ग लोक से निकाले गए। तब भयभीत इंद्र ने देव गुरु बृहस्पति की सलाह पर मां भगवती की तपस्या शुरू की। देवराज इंद्र की प्रार्थना से प्रसन्न होकर मां भगवती ने इसी स्थान पर इंद्र को दर्शन दिए। सुरेश्वरी देवी मंदिर जंगल के बीच होने से प्राकृतिक सौंदर्य और वन्य जीव निहारने का मौका मिलता है। शांत वातावरण में श्रद्धालुओं को आत्मीय शांति की अनुभूति होती है।
सुरेश्वरी देवी मंदिर हरिद्वार रेलवे और रोडवेज स्टेशन से करीब सात किमी दूर है। रानीपुर क्षेत्र के फाउंड्री गेट के पास से मंदिर के लिए रास्ता जाता है। जंगल परिसर होने से निजी वाहनों से वन विभाग 50 रुपये प्रति वाहन टिकट लिया जाता है। रानीपुर मोड से आटो-ई-रिक्शा और विक्रम भी मंदिर तक जाते हैं।