स्वामी रामभद्राचार्य ने हनुमान चालीसा के उच्चारण की बताई नई व्याख्या, हिंदू रक्षा सेना बोली, माफी मांगे जगद्गुरु
हरिद्वार। जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने अब तक पढ़ी जाने वाली हनुमान चालीसा की कुछ चौपाइयों के उच्चारण को गलत बताकर और हनुमान चालीसा के उच्चारण में नई व्याख्या देखकर नया विवाद शुरू कर दिया है। जगद्गुरु रामभद्राचार्य के हनुमान चालीसा के उच्चारण की नई व्याख्या को कई लोगों ने सही बताया है तो कइयों ने विरोध शुरू कर दिया है।
हिंदू रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि ने कहा ऐसा लगता है कि गोस्वामी तुलसीदास के ग्रंथों पर टिप्पणी करना स्वामी प्रसाद मौर्य को समर्थन करना जैसा है। स्वामी प्रसाद मौर्य सनातन विरोधी शक्तियों के हाथों खेल रहा है। वह किसी विदेशी षड्यंत्र के इशारे पर यह कार्य कर रहा है। आश्चर्य इस बात का भी है रामभद्राचार्य ऐसी टिप्पणी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सनातन ग्रंथों पर किसी को भी टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है। न ही करने दिया जाएगा। श्री रामभद्राचार्य को समाज से माफी मांगनी चाहिए। अगर वह माफी नहीं मांगते हैं तो यह माना जाएगा जानबूझकर कार्य कर रहे हैं। अगर उन्होंने हिंदू समाज से माफी नहीं मांगी तो हिंदू रक्षा सेना उनका कड़ा विरोध करेगी। आवश्यकता पड़ी तो समाज से बहिष्कार का अभियान चलाएगी। आंदोलन चलायेगी।
हिंदू रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि ने कहा कि सनातन धर्म के ग्रंथों का स्वरूप साक्षात भगवान का स्वरूप है। अगर कोई ग्रंथों का अपमान करता है तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। समस्त हिंदू समाज इनका बहिष्कार करेगा वास्तव में यह हिंदू समाज की आस्था का मजाक है जो किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने हनुमान चालीसा की चौपाइयों की तरह उच्चारण के साथ की व्याख्या