हल्द्वानी की बस्ती के हजारों लोगों के बचाने एकजुट हुए संगठन, मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
अल्मोड़ा। हल्द्वानी बनभूलपुरा और गफूर बस्ती के हजारों परिवारों को बचाने के लिए उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी, सीटू, सीपीआईएम एल, नागरिक मंच ने संयुक्त धरना देकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया रोकने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा।
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केन्द्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि रिट पिटिशन (पीआईएल) नंबर 30/2022 बनाम यूनियन आफ इंडिया और अन्य में याचिका पर फैसला सुनाते हुए हजारों बनभूलपुरा बस्ती वासियों को उजाड़ने का गलत आदेश दे दिया था। यह आदेश प्रभावित नागरिकों, तमाम जनपक्षधर और नागरिक संगठनों के लिए हतप्रभ करने वाला था। जिसके चलते तमाम संगठन बस्तियों को बचाने के लिए आंदोलित हुए। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी भी पीड़ितों के समर्थन में उतरी।
वक्ताओं ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ पीड़ित पक्ष सुप्रीमकोर्ट गए। (विशेष अनुमति याचिका) दायर की गई। सुप्रीमकोर्ट ने पीड़ित पक्ष को राहत देते हुए हल्द्वानी में रेलवे की जमीन से बेदखल करने के उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने उत्तराखंड राज्य और रेलवे को नोटिस जारी किया है। 7 फरवरी तक के लिए हाईकोर्ट का आदेश स्थगित कर दिया। बेंच विशेष रूप से इस तथ्य से चिंतित थी कि कई कब्जेदार दशकों से पट्टे और नीलामी खरीद के आधार पर अधिकारों का दावा किया।
न्यायालय ने पूछा कि मुद्दे के दो पहलू हैं। एक वे पट्टों का दावा करते हैं और दूसरा कहते हैं कि लोग 1947 के बाद चले गए। जमीनों की नीलामी की गई। लोग इतने सालों तक वहां रहे। उन्हें पुनर्वास दिया जाना चाहिए। सात दिन में इतने लोगों को कैसे हटाया जा सकता हैं। कहा कि उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी मांग करती है सर्वाेच्च न्यायालय के निर्णिय के आलोक में इस मामले निस्तारण कर राज्य की जनता के हितों की रक्षा करे। इस दौरान महासचिव नरेश चन्द्र नौड़ियाल समेत दर्जनों लोग मौजूद रहे।