शासन के पुलिस मुख्यालय को प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश
देहरादून। प्रदेश में पर्यटन पुलिस की अवधारणा अब जल्द ही धरातल पर उतरती नजर आएगी। प्रदेश में इसका अलग संवर्ग बनाने की तैयारी चल रही है। इस कड़ी में शासन ने पुलिस मुख्यालय को प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। जैसे ही इससे संबंधित प्रस्ताव शासन को मिलेगा, उसे स्वीकृति के लिए कैबिनेट के सम्मुख लाया जाएगा। पर्यटन पुलिस अभी देश मे गोवा और केरल में हैं।
उत्तराखंड के धार्मिक और दर्शनीय पर्यटन स्थलों में हर साल ही देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचते हैं। इनका आंकड़ा हर साल बढ़ता जा रहा है। गत वर्ष प्रदेश में केवल चार धाम यात्रा पर ही 50 लाख से अधिक श्रद्धालु आए थे। इसके अलावा मसूरी, नैनीताल, नई टिहरी व रानीखेत में भी खासी संख्या में पर्यटक पहुंचे।
पर्यटन सीजन में कई बार पर्यटक स्थलों में सैलानियों से ज्यादा दाम वसूलने, सुविधाएं न मिलने व बदसलूकी जैसी कई प्रकार की शिकायतें आती रही हैं। इसे देखते हुए प्रदेश में पर्यटन पुलिस की स्थापना की बात उठी। यूं तो पर्यटन सीजन के दौरान पुलिस विभाग सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों पर पर्यटन पुलिस के नाम पर पुलिसकर्मियों की तैनाती करता है। इन पुलिसकर्मियों को पर्यटकों से बातचीत करने व उनकी समस्याओं का समाधान करने संबंधी अल्पकालिक प्रशिक्षण दिया जाता है। सीजन के बाद ये पुलिसकर्मी वापस अपने मूल तैनाती स्थल पर चले जाते हैं।
अब पर्यटन को लेकर पर्यटन पुलिस का अलग संवर्ग बनाया जाएगा। शुरुआत में इससे लगभग 100 कार्मिकों की तैनाती की जाएगी, जिन्हें सीजन के दौरान मुख्य पर्यटन क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा।
गोवा की तर्ज पर उत्तराखंड के पर्यटन शहरों में जल्द तैनात होगी पर्यटन पुलिस
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