रुद्रपुर। फटा टायर बदलने के दौरान दूसरा टायर फटने से हवा की चपेट में आकर ट्रक चालक की मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए रुद्रपुर मोर्चरी में भेज दिया है।
काशीपुर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला अली खां बांसफोड़ान चौकी निवासी बॉबी उर्फ रौनक (42) पुत्र अली जौहर दस टायरा ट्रक का चालक था। रविवार को बॉबी ट्रक में गाजियाबाद से लोहे के एंगल की पत्ती लेकर रुद्रपुर जा रहा था। रात करीब आठ बजे एनएच 74 में बाईपास मार्ग पर ट्रक का टायर फट गया।
इस पर बॉबी ने महतोष के पास टायर की दुकान पर ट्रक को रोककर पंचर लगाने लगा। बॉबी जैक लगाकर फटे टायर को व्हील से अलग करने के लिए नट बोल्ट खोल रहा था। तभी तेज धमाके से दूसरा टायर फट गया। टायर फटने के बाद उसमें से निकली हवा ने बॉबी को अपनी चपेट में ले लिया। इससे बॉबी कई फीट हवा में उछल कर सड़क पर जा गिरा और गंभीर रूप से घायल हो गया।
वहां पहुंचे लोगों ने उसे इलाज के लिए सीएचसी गदरपुर पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर एसआई बसंत कुमार पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने बॉबी के शव को पोस्टमार्टम के लिए रुद्रपुर भेज दिया। मृतक बॉबी अपने पीछे पत्नी, एक बेटी और दो बेटों को छोड़ गया है।
रामनगर में पकड़ी गई आदमखोर बाघिन, 10 दिन पहले किसान को बनाया था निवाला
बाघिन को ट्रैंकुलाइज कर ढेला रेस्क्यू सेंटर में रखा गया
रामनगर। दस दिन पहले बासीटीला गांव में किसान को मारने वाली बाघिन को शनिवार की देर रात को ट्रैंकुलाइज कर पकड़ लिया। उसे ढेला रेस्क्यू सेंटर में रखा गया है। जहां से उसका डीएनए सैंपल लेकर हैदराबाद जांच के लिए भेजा जा रहा है।
18 अप्रैल को बासीटीला गांव में 42 वर्षीय प्रमोद तिवारी उर्फ पप्पू तिवारी को खेत में गेंहू की रखवाली करते समय बाघ ने हमला कर मार दिया था। संयुक्त संघर्ष समिति के साथ ग्रामीण भी बाघ को पकड़ने की मांग कर रहे थे। बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग की ओर से कैमरा ट्रैप लगाए गए। ड्रोन की मदद ली गई। वहीं, रात के समय वन कर्मियों की टीम जंगल में डटी रही। बाघ की मूवमेंट पर नजर रखी जा रही थी। सीटीआर निदेशक डा. धीरज पांडेय ने बताया कि लंबे समय से एक बाघ लगातार घटनास्थल पर दिखाई दे रहा था। बाघ की उपस्थिति को देखते हुए उस पर नजर रखी जा रही थी। शनिवार की देर रात बासीटीला गांव के पास बने वॉटर हॉल के करीब बाघ आया तो उसे कॉर्बेट पार्क के वरिष्ठ पशु चिकित्सक डा. दुष्यंत शर्मा की ओर से ट्रैंकुलाइज किया गया।
ट्रैंकुलाइज करने के बाद बाघ की जांच पड़ताल की गई तो पता लगा कि वह बाघिन थी। मौके पर ही बाघिन का डीएनए सैंपल लिया गया। बाघिन को ढेला रेस्क्यू सेंटर में रखा गया है। दूसरी ओर, बाघ को पकड़ने के लिए विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने देहरादून में चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन डा. समीर सिन्हा से मिले थे। चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन के निर्देश के बाद वन कर्मियों की टीम ने कारगर कार्यवाही की है।