देहरादून। SDRF वाहिनी मुख्यालय जॉलीग्रांट में दिनाँक 21 मार्च 2023 से तीन दिवसीय मौसम पूर्वानुमान प्रशिक्षण आज दिनाँक 23 मार्च 2023 को सकुशल सम्पन्न हुआ। हमारा राज्य आपदा के प्रति अति संवेदनशील है। जहां प्राकृतिक व मानव जनित आपदाओं के दंश को अक्सर प्रदेशवासियों को झेलनी पड़ती है। राज्य में विभिन्न आपदाओं के दौरान SDRF द्वारा कुशलतापूर्वक त्वरित एवं प्रभावी राहत-बचाव कार्य संचालित किए जाते है। राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों एवं प्रतिकूल मौसम के कारण रेस्क्यू कार्यों में निरंतर बढ़ती चुनौतियों के दृष्टिगत मौसम की जानकारी तथा पूर्वानुमान अत्यधिक आवश्यक हो जाता है। किसी भी आपदा में मौसम की एक अहम भूमिका रहती है। ऐसे में मौसम पूर्वानुमान से न सिर्फ आने वाली छोटी बड़ी प्रत्येक आपदा के प्रति आम जनमानस को सचेत व स्वयं को पुर्णतः आपरेशन मोड़ में रहने का समय मिलेगा अपितु आपदा न्यूनीकरण में भी सहायता प्राप्त होगी। जिससे जान माल की हानि को रोकने हेतु समय पर प्रभावी कदम उठाए जा सकेंगे। इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु सेनानायक एसडीआरएफ, श्री मणिकांत मिश्रा के दिशा-निर्देशन में मौसम पूर्वानुमान प्रशिक्षण चलाया गया।
तीन दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मौसम विज्ञान केन्द्र, मोहकमपुर देहरादून, उत्तराखंड से आये हुए मौसम वैज्ञानिक श्री रोहित थपलियाल द्वारा SDRF के अधिकारियों व कार्मिकों को मौसम विज्ञान व पूर्वानुमान से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया। 03 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रथम 02 दिवस इंडोर क्लासेस के माध्यम से मौसम की जानकारी, मौसम के प्रकार, पूर्वानुमान,स्थिति इत्यादि के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया साथ ही कुछ केस स्टडीज पर भी चर्चा की गई जिसमें बताया गया कि समय पर दी गयी मौसम पूर्वानुमान की जानकारी से आने वाली आपदा के प्रभाव से किस प्रकार जान माल की सुरक्षा की गई।
आज दिनाँक 23 मार्च 2023 को ”विश्व मौसम विज्ञान दिवस” के सुअवसर पर प्रशिक्षण के तीसरे दिवस SDRF के अधिकारियों व कार्मिकों द्वारा मौसम विज्ञान केन्द्र, देहरादून में भ्रमण कर मौसम विज्ञान संबंधित यंत्रों को प्रत्यक्ष रूप से देखकर मौसम पूर्वानुमान की क्रियाविधि की जानकारी प्राप्त की गयी।
निकट भविष्य में चारधाम यात्रा/मानसून सत्र आरम्भ होने वाला है। इस परिपेक्ष्य से भी SDRF कार्मिकों द्वारा प्राप्त यह 03 दिवसीय प्रशिक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रशिक्षण का उद्देश्य मौसम की वास्तविक स्थिति को समझना, मौसम के प्रकार व मौसम विज्ञान में प्रयोग होने वाले उपकरणों की कार्यशैली को समझना है जिससे चारधाम यात्रा/मानसून सत्र में मौसम संबंधी सटीक जानकारी का लाभ उठाया जा सके।