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उत्तराखण्ड

भारी बारिश से यमुनोत्री-गंगोत्री और केदारनाथ यात्रा बाधित, कई सड़कें बंद, पुल खतरे में, यात्रा बाधित

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देहरादून। उत्तराखंड में लगातार हो रही मूसलधार बारिश के चलते चारधाम यात्रा एक बार फिर प्रभावित हो गई है। यमुनोत्री घाटी में रातभर हुई भारी वर्षा के कारण यमुनोत्री हाईवे कई स्थानों पर बंद हो गया है। स्याना चट्टी में यमुना नदी पर बनी झील का जलस्तर तेजी से बढ़ने से अनेक होटलों की निचली मंजिलें जलमग्न हो गई हैं। इसके साथ ही यमुनोत्री हाईवे पर बना मोटर पुल भी खतरे की जद में आ गया है।

स्याना चट्टी क्षेत्र के लोगों ने रातभर जागकर समय बिताया। स्थानीय निवासी जयपाल सिंह रावत ने बताया कि यमुना नदी का पानी उनकी पहली मंजिल तक पहुंच गया, जिससे लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। लोगों का कहना है कि यदि प्रशासन ने अब भी चेतावनी और सुरक्षा उपाय नहीं किए तो पुल के ध्वस्त होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

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यमुनोत्री हाईवे पर कई स्थानों पर सड़क पूरी तरह से टूट चुकी है, जिससे यमुनोत्री धाम और आसपास के लगभग डेढ़ दर्जन गांवों का तहसील मुख्यालय से संपर्क कट गया है। वहीं गंगोत्री हाईवे भी संगलाई और हेलगूगाड क्षेत्र में बंद हो गया है, जहां यात्री सुबह से फंसे हुए हैं।

उधर, रुद्रप्रयाग जिले में भी केदारनाथ यात्रा को लेकर स्थिति गंभीर हो गई है। मुनकटिया के पास स्लाइडिंग जोन में भारी भूस्खलन के चलते श्री केदारनाथ यात्रा को प्रशासन ने एहतियातन अस्थायी रूप से रोक दिया है। मलबा और चट्टानों के कारण मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया, जिससे गौरीकुंड से लौट रहे कई तीर्थयात्री फंस गए थे।

हालांकि, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की तत्परता से बड़ी दुर्घटना टल गई। देर रात करीब 10 बजे से फंसे 40 से अधिक श्रद्धालुओं को एसडीआरएफ ने सुरक्षित निकालकर सोनप्रयाग पहुंचाया।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। मौसम की स्थिति के अनुसार ही यात्रा को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी जिलों के अधिकारी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन टीमें अलर्ट पर हैं और हर परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

हालांकि, स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह स्थिति प्रशासनिक उदासीनता और लापरवाही का परिणाम है। सामाजिक कार्यकर्ता प्रवीण राणा और चित्रमोहन सिंह ने प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अगर समय रहते व्यवस्थाएं की जातीं तो नुकसान को रोका जा सकता था।

राज्य में बरसात का दौर अभी थमा नहीं है और मौसम विभाग ने आगे भी भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। ऐसे में यात्रा करने वालों को सतर्कता बरतने और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।

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