एफएसए का निर्धारण बाजार में कोयले की कीमतों के आधार पर तय
देहरादून। उत्तराखंड में अब बिजली का बिल हर महीने घटेगा या बढ़ेगा। ऊर्जा निगम ने विद्युत नियामक आयोग से हर महीने एफएसए तय करने का फार्मूला देने और इसे लागू कराने का प्रस्ताव भेजा है। एफएसए का निर्धारण बाजार में कोयले की कीमतों के आधार पर तय होता है।
केंद्र सरकार के विद्युत अधिनियम में बदलाव करने के बाद अब फ्यूल चार्ज समायोजन हर महीने तय कर इसे उपभोक्ताओं के बिजली बिलों पर लागू करना होगा। ऊर्जा निगम देश के कई थर्मल पावर प्लांट से बिजली लेता है। ऐसे में कोयले के दाम का असर इन थर्मल पावर प्लांट से मिलने वाली बिजली के रेट पर पड़ता है।
ऊर्जा निगम के इस प्रस्ताव पर विद्युत नियामक आयोग ने आम जनता से सुझाव मांगे हैं। जनसुनवाई में सभी पक्षों के सुझाव आने के बाद इस पर फैसला करेगा।हर महीने एफएसए तय होने से बिजली का बिल घट-बढ़ सकता है। एफएसए की दरें बढ़ने पर बिजली महंगी और दरें घटने पर सस्ती होगी। बदलाव नहीं होने पर बिजली की दरें यथावत रहेंगी।
उत्तराखंड में बिजली का बिल अब हर महीने कम-ज्यादा होगा
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