नई दिल्ली। चाणक्यपुरी इलाके में शुक्रवार सुबह भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के एक अधिकारी ने चार मंजिला इमारत से कूदकर खुदकुशी कर ली। मृतक की पहचान 41 वर्षीय जितेंद्र रावत के रूप में हुई है। मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला, लेकिन शुरुआती जांच में पता चला है कि वह अवसाद से ग्रस्त थे।
देहरादून निवासी जितेंद्र रावत 2011 बैच के आईएफएस अधिकारी थे। विदेश में तैनाती पूरी करने के बाद वह पिछले छह महीनों से दिल्ली में विदेश सेवा कार्यालय में प्रवासियों से जुड़े मामलों को देख रहे थे। पुलिस के अनुसार, उनकी पत्नी रीना रावत दो बेटों के साथ देहरादून में रह रही थीं, जहां बच्चे पढ़ाई कर रहे थे। जितेंद्र फिलहाल अपनी मां मंजू रावत के साथ विदेश सेवा अधिकारियों के आवासीय फ्लैट की पहली मंजिल पर रह रहे थे।
सुबह छत से कूदकर दी जान
शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे जितेंद्र रावत ने चौथी मंजिल स्थित छत से छलांग लगा दी। गिरने की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
अवसाद से जूझ रहे थे अधिकारी
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती जांच में जितेंद्र रावत के अवसाद में होने की बात सामने आई है। हालांकि, आत्महत्या के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं है। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और उनके परिजनों और करीबी दोस्तों से पूछताछ की जा रही है।
घटना के बाद विदेश सेवा कार्यालय के अधिकारियों और उनके सहकर्मियों ने गहरा दुख व्यक्त किया है। पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है।
