हरिद्वार- स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के तहत ग्राम पंचायतों में अभियान में निरंतर जारी है। रविवार को इसी क्रम में ग्राम पंचायत औरंगाबाद में निदेशक स्वजल आइएएस कर्मेन्द्र सिंह और संयुक्त निदेशक पंचायती राज विभाग हिमालयी जोशी पेटवाल ने पहुंचकर ग्रामीणों के साथ रैली निकाली। उन्होंने न केवल लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया, बल्कि प्रेरित करने के लिए सफाई भी की।
स्वजल निदेशक आइएएस कमेंद्र सिंह और संयुक्त निदेशक ने रैली में प्रतिभा कर लोगों को जागरूक किया
ग्राम प्रधान कमलेश देवी, जिला पंचायत सदस्य विमलेश चौहान और ग्राम वासियों के साथ अभियान में शामिल होने पहुंचे निदेशक स्वजल कर्मेन्द सिंह ने कहा कि जिले को स्वच्छता सर्वेक्षण ग्रामीण 2023 में राज्य में प्रथम स्थान मिला है। इसके निरंतरता और स्तर को बनाए रखने के लिए लगातार प्रयास करने की आवश्यकता है। इस सतत प्रयास में ग्राम पंचायतवासी, ग्राम पंचायत प्रतिनिधि और ग्राम स्वच्छता समिति से जुड़े सभी सदस्यों की अहम भूमिका है। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान कुल 9 पर्यावरण मित्रों को सम्मानित भी किया। संयुक्त निदेशक पंचायती राज विभाग हिमालयी जोशी पेटवाल ने कहा कि 15 वें वित्त के टाइड फंड जो 30% स्वच्छता और पेयजल के लिए ग्राम पंचायत में आरक्षित है। उसमें शेष 60 से 70 फीसद धन स्वच्छता पर ग्राम पंचायतें खर्च कर सकती हैं। इसमें किसी प्रकार से कोई बाधा नहीं है। ग्राम पंचायत में स्वच्छता के आधार पर कई बीमारियों से बचा जा सकता है। दोनों अधिकारियों ने वर्तमान में डेंगू के प्रकोप को लेकर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के लिए जागरूकता बेहद जरूरी है। कार्यक्रम में स्वजल के प्रबंध निदेशक केएन तिवारी व नोडल अधिकारी स्वजल चंद्रकांत मणि त्रिपाठी ने दो अक्टूबर तक के कार्यक्रमों की रूपरेखा पर विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में वरिष्ठ सलाहकार स्वजल वीरेंद्र भट्ट, डॉ लोकेंद्र सिंह चौहान इकाई समन्वयक तकनीकी सुनील तिवारी आदि मौजूद रहे।