वैज्ञानिकों का दावा, भूकंप कब आएगा कुछ कहा नहीं जा सकता
देहरादून। नेपाल में मंगलवार को आए भूकंप के झटके कांगड़ा (हिमाचल) और बिहार-नेपाल के सिस्मिक गैप में आए हैं। वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वरिष्ठ विज्ञानी डा आरजे पेरुमल के मुताबिक, इस संपूर्ण क्षेत्र में भूगर्भ में तनाव की स्थिति निरंतर बनी हुई है। ऐसे में इस सिस्मिक गैप में कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है। हालांकि, यह कब आएगा, कुछ कहा नहीं जा सकता। सिर्फ भूकंप से निपटने के लिए तैयारी की जा सकती है।
विज्ञानी डा आरजे पेरुमल ने इसके लिए भूकंपरोधी तकनीक पर आधारित निर्माण का अनिवार्य रूप से पालन करने की जरूरत बताई। वरिष्ठ विज्ञानी डा आरजे पेरुमल के अनुसार, कांगड़ा (हिमाचल) और बिहार-नेपाल के सिस्मिक गैप में वर्ष 1905 में कांगड़ा में 7.8 मैग्नीट्यूट और बिहार-नेपाल सीमा पर वर्ष 1934 में आठ मैग्नीट्यूट के विनाशकारी भूकंप आ चुके हैं। इसके बाद करीब 89 साल की अवधि में बड़ा भूकंप नहीं आया है। इसीलिए इस क्षेत्र में भूगर्भ में तनाव की स्थिति निरंतर बनी हुई है। तनाव के बीच में ये अनुमान है कि कांगड़ा में कभी भी बड़े भूकंप की आशंका बनी हुई है।
वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान से 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हुए वरिष्ठ विज्ञानी डा. अजय पाल के अनुसार, नेपाल में 25 अप्रैल 2015 को आया 7.8 रिक्टर स्केल का भूकंप पूर्व के भूकंप की पुनरावृत्ति (रिपीटेशन) के रूप में देखा जाता है। संबंधित क्षेत्र में वर्ष 2015 से करीब 81 साल पहले बड़ा भूकंप आया था। लिहाजा, वहां सिस्मिक गैप में भूकंप रिपीट (दोबारा) हुआ।
वरिष्ठ विज्ञानी डा. अजय पाल के मुताबिक, मंगलवार को नेपाल में आए 6.2 मैग्नीट्यूड व अन्य छोटे भूकंप यह बता रहे हैं कि संबंधित क्षेत्र की टेक्टोनिक बेल्ट सक्रिय है। इसी क्षेत्र के डोटी (नेपाल) में वर्ष 2022 में मध्यम स्तर का भूकंप रिकॉर्ड किया जा चुका है।
उत्तराखंड से सटे नेपाल में एक बार फिर आए तीव्र भूकंप ने आसपास सैकड़ों किलोमीटर की परिधि में धरती को हिला दिया। उत्तराखंड में भूकंप के तीव्र झटके महसूस किए गए। गढ़वाल के अलावा नेपाल से सटे कुमाऊं के ज्यादातर क्षेत्रों में भूकंप के कारण दहशत का माहौल रहा।
मंगलवार दोपहर बाद करीब दो बजकर, 51 मिनट पर झटके महसूस करते ही लोग घरों व दफ्तरों से बाहर निकल पड़े। उत्तराखंड के सभी जिलों में भूकंप के झटके दर्ज किए गए, हालांकि कहीं भी किसी प्रकार के जान-माल की सूचना नहीं है। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी से मिली जानकारी के अनुसार भूकंप का केंद्र नेपाल में था और इसकी तीव्रता 6.2 व गहराई पांच किलोमीटर आंकी गई।