देहरादून: उत्तराखंड में प्रवेश करने वाले वाहनों से ग्रीन सेस वसूली के लिए परिवहन विभाग ने एक नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी कर ली है। इस व्यवस्था के तहत राज्य की सीमा पर लगे ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (एएनपीआर) कैमरे वाहनों की नंबर प्लेट को स्कैन करेंगे और स्वचालित रूप से ग्रीन सेस वसूल लिया जाएगा।
इसके लिए परिवहन विभाग ने ऑटोमेटेड व्हीकल ग्रीन सेस कलेक्शन सिस्टम (एवीजीसीसीएस) को लागू करने का फैसला किया है। इस सिस्टम में इंटेलिजेंट टोलिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाएगा। जब कोई वाहन राज्य की सीमा में प्रवेश करेगा तो कैमरा उसकी नंबर प्लेट को स्कैन करेगा और सॉफ्टवेयर के माध्यम से एनपीसीआई को एक अनुरोध भेजेगा। एनपीसीआई उस वाहन से जुड़े फास्ट टैग वॉलेट को चिह्नित करेगा और उससे ग्रीन सेस की राशि स्वचालित रूप से काट ली जाएगी।
लोकसभा चुनाव से पहले अधिसूचना जारी
गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले ही ग्रीन सेस वसूली के लिए अधिसूचना जारी कर दी थी। हालांकि, इस व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया जा सका था। पहले विभाग ने टोल प्लाजा के माध्यम से ग्रीन सेस वसूलने की योजना बनाई थी, लेकिन अब इस योजना में बदलाव कर दिया गया है।
ग्रीन सेस क्यों?
ग्रीन सेस वसूलने का मुख्य उद्देश्य राज्य में पर्यावरण संरक्षण के लिए धन जुटाना है। इस धन का उपयोग सड़कों के रखरखाव, प्रदूषण नियंत्रण और अन्य पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों के लिए किया जाएगा।
यात्रियों के लिए सुविधाजनक
यह नई व्यवस्था यात्रियों के लिए काफी सुविधाजनक होगी क्योंकि उन्हें अब टोल प्लाजा पर रुककर ग्रीन सेस का भुगतान नहीं करना होगा। यह प्रक्रिया पूरी तरह से स्वचालित होगी और यात्रियों को बिना किसी परेशानी के राज्य में प्रवेश करने की अनुमति मिलेगी।
उत्तराखंड में ग्रीन सेस वसूली के लिए नई व्यवस्था लागू
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