उत्तराखण्ड
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के नए मामलों के बाद सर्विलांस और ट्रैकिंग सिस्टम फिर शुरू
देहरादून। उत्तराखंड में बाहरी राज्यों से आए तीन लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि के बाद स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर सतर्क हो गया है। संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए अब कोविड काल में प्रभावी रहे सर्विलांस और ट्रैकिंग सिस्टम को दोबारा सक्रिय किया जा रहा है। इसका मकसद संक्रमितों के संपर्क में आए व्यक्तियों की पहचान कर वायरस को फैलने से रोकना है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, कोविड-19 के पहले चरण में ट्रैकिंग सिस्टम ने संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उसी तर्ज पर अब फिर से संक्रमितों की ट्रैवल हिस्ट्री की पड़ताल की जा रही है और उनके संपर्क में आए लोगों की पहचान कर आइसोलेट किया जा रहा है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि मौजूदा सब वैरिएंट JN.1 गंभीर नहीं है, लेकिन पहले से बीमार व्यक्तियों के लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है।
देहरादून में सामने आए तीन नए केस:
एसीएमओ डॉ. सीएस रावत ने बताया कि हाल ही में एम्स ऋषिकेश में तीन कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए हैं। ये लोग गुजरात, मुंबई और हैदराबाद से उत्तराखंड आए थे। इनमें से मुंबई निवासी मरीज वापस लौट गया है, जबकि अन्य दो में से एक अस्पताल में भर्ती है और दूसरा होम आइसोलेशन में है। दोनों की हालत स्थिर बताई जा रही है।
अब तक देहरादून जिले में 36 सैंपल लिए जा चुके हैं, जिनमें से किसी में स्थानीय स्तर पर संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है। स्वास्थ्य विभाग इसे बाहरी संक्रमण मानकर सावधानी बरत रहा है।
जिला प्रशासन ने मांगी तैयारियों की रिपोर्ट:
कोरोना के संभावित प्रसार को रोकने के लिए जिलाधिकारी देहरादून ने जिले स्तर पर पूर्व में गठित सैंपलिंग टीमों, मोबाइल टीमों, कोविड कंट्रोल रूम, कार्मिकों की ड्यूटी, एंबुलेंस और अन्य संसाधनों की पूरी रिपोर्ट तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। इससे स्पष्ट है कि प्रशासन अब किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से सतर्क और तैयार रहना चाहता है। स्वास्थ्य विभाग की अपील है कि लोग सतर्क रहें, अनावश्यक रूप से भीड़भाड़ वाले इलाकों में न जाएं और बुखार या अन्य लक्षण होने पर तुरंत जांच कराएं।
