उच्च न्यायालय ने ठेका याचिकाकर्ता को देने का आदेश दिया
एक्जयुक्यूटिव इंजीनियर पर दस हजार का जुर्माना लगा
कमल जगाती
नैनीताल- उच्च न्यायालय ने देहरादून के सहत्रधारा में पाइपलान बिछाने के टेंड़र संबंधी याचिका में सुनवाई करते हुए पहले जारी टेंडर को सही पाया और ठेका याचिकाकर्ता को देने का आदेश दिया। मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने टेंडर कमेटी के कार्य करने के तरीके पर भी नाराजगी व्यक्त की, साथ मे एक्जयुक्यूटिव इंजीनियर को फटकार लगाते हुए दस हजार का जुर्माना लगाकर उसे दो सप्ताह के भीतर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा कराने को कहा है। खंडपीठ में आज टेंडर कमेटी के सभी सदस्यों के साथ जल संस्थान के अधिशासी अभियंता पूरे ओरिजनल रिकार्ड के साथ न्यायालय में उपस्थित हुए।
मामले के अनुसार जल संस्थान ने सहत्रधारा में पानी की लाइन बिछाने का टेंड़र जारी किया और एक मई को टेंड़र खोलकर 27 मई को इसको अपलोड़ भी कर दिया। बाद में 30 मई को इसे निरस्त कर दिया। छह जून को एक बार फिर इसी कार्य के लिए टेंड़र निकाला। इस मामले को उच्च न्यायलय में विजय प्रकाश ने चुनौती दी तो जल संस्थान की ओर से कहा गया कि न्यूनतम बीट नहीं आई जिसके चलते ये टेंड़र को निरस्त कर दिया गया। पूर्व में न्यायालय ने पूछा था कि जब बीट नहीं थी तो वित्तीय बीट कैसे खोल दी गई । न्यायालय ने टेंडर कमेटी और अधिशासी अभियंता को पूरे रिकार्ड के साथ न्यायालय में उपस्थित होने को कहा जिसपर वो आज पूरे रिकार्ड के साथ उपस्थित हुए थे।