हरदुआगंज: हरदुआगंज कस्बे में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां 29 साल पहले मर चुके एक व्यक्ति के नाम पर जमीन का बैनामा कर दिया गया। इस मामले में पुलिस ने सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
क्या है पूरा मामला?
पप्पू पुत्र बन्ने निवासी मोहल्ला अबुल फजल ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि उनके दादा वजीर पुत्र छिद्दू सिंह की 20 मई 1995 में मृत्यु हो गई थी। उनके नाम पर कुछ जमीन थी, जिसमें परिवार के लोग खेती करते थे। लेकिन हाल ही में उन्हें पता चला कि उनके दादा के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार करके उनकी जमीन बेच दी गई है।
कैसे हुआ धोखा?
पप्पू के अनुसार, कस्बे के कुछ दबंग और भूमाफिया किस्म के लोगों ने उनके दादा के नाम के फर्जी दस्तावेज तैयार कर सात महीने पहले जमीन का बैनामा करवा लिया। इस धोखाधड़ी में कुल सात लोगों को नामजद किया गया है। इनमें वजीर निवासी मुल्लापाड़ा, भुजपुरा, उपेंद्र बहादुर सिंह और उसका भाई धीरेंद्र, निवासी प्रभात नगर प्रेम नगर कालोनी, दुजेंद्र प्रताप सिंह, निवासी ग्राम शेखूपुर, यशपाल सिंह, निवासी विहारी पुरम कॉलोनी फेस-1 मैलरोज बाईपास थाना-बन्नादेवी, सत्तार खां जलाली और शैलेंद्र कुमार निवासी मोहन नगर बरौला बाईपास शामिल हैं। सत्तार और शैलेंद्र को बैनामे में गवाह बनाया गया था।
पुलिस की कार्रवाई:
एसएसपी के आदेश पर पप्पू की तहरीर के आधार पर थाना हरदुआगंज पर सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
यह मामला क्यों है महत्वपूर्ण:
यह मामला कई कारणों से महत्वपूर्ण है:
* यह दिखाता है कि कैसे कुछ लोग जमीन हड़पने के लिए फर्जीवाड़े का सहारा लेते हैं।
* यह बताता है कि कैसे मृतकों के नाम पर धोखाधड़ी होती है।
* यह प्रशासन के लिए एक चुनौती है कि वह ऐसे मामलों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए।
यह मामला किसके लिए है:
यह मामला उन सभी के लिए महत्वपूर्ण है जिनके पास जमीन है। यह मामला उन सभी के लिए भी महत्वपूर्ण है जो धोखाधड़ी के शिकार हो सकते हैं।
आगे क्या होगा:
पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार करने की उम्मीद है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में क्या कार्रवाई होती है।
29 साल बाद जमीन का बैनामा करने जिंदा हुआ मृतक
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