उत्तराखण्ड

हल्द्वानी समेत उत्तराखंड के 5 शहरों को मिलेगा नया रूप, एडीबी देगा 2447 करोड़ रुपये का ऋण

देहरादून: उत्तराखंड के हल्द्वानी समेत पांच शहरों में जल्द ही बदलाव देखने को मिलेगा। इन शहरों में जलापूर्ति, स्वच्छता, शहरी गतिशीलता जैसी मूलभूत सुविधाएं बेहतर होंगी। इसके लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) 200 मिलियन डॉलर यानी लगभग 2447 करोड़ रुपये का ऋण दे रहा है।
केंद्र और राज्य सरकार ने किया समझौता
बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्रालय की संयुक्त सचिव जूही मुखर्जी और एडीबी की भारत में इंडिया रेजिडेंट मिशन की निदेशक मियो ओका ने इस ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए। उत्तराखंड शासन की ओर से भी इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
शहरी विकास के लिए बड़ा कदम
यह परियोजना केंद्र सरकार के शहरी विकास के एजेंडे के अनुरूप है। साथ ही, उत्तराखंड सरकार भी शहरी क्षेत्रों में नागरिक सुविधाएं बेहतर बनाने के लिए बाह्य सहायता पर जोर दे रही है। एडीबी का यह ऋण इसी दिशा में एक बड़ा कदम है।
परियोजना के उद्देश्य
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के शहरों को बाढ़, भूस्खलन जैसे प्राकृतिक आपदाओं के लिए मजबूत बनाना है। साथ ही, शहरों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को भी ध्यान में रखा जाएगा।
कौन से शहर होंगे लाभान्वित
यह परियोजना उत्तराखंड के पांच प्रमुख शहरों को लाभान्वित करेगी। इन शहरों में जलापूर्ति, सीवरेज, कचरा निस्तारण और सड़क परिवहन जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार किया जाएगा।
एडीबी का विश्वास
एडीबी की इंडिया रेजिडेंट मिशन की निदेशक मियो ओका ने कहा कि यह परियोजना उत्तराखंड के शहरी विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि एडीबी को उम्मीद है कि यह परियोजना अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बनेगी।
उत्तराखंड सरकार की पहल
उत्तराखंड सरकार ने इस परियोजना को लेकर उत्साह व्यक्त किया है। राज्य सरकार का मानना है कि यह परियोजना राज्य के विकास में एक नई ऊर्जा का संचार करेगी।
शहरों में ये होंगे कार्य
हल्द्वानी: राज्य की आर्थिक गतिविधियों के केंद्र हल्द्वानी में नमो भवन (सभी राजकीय कार्यालयों के लिए बहुद्देश्यीय प्रशासनिक भवन), बस टर्मिनल, शहरी गतिशीलता के लिए 16 किमी लंबी जलवायु अनुकूल सड़क, आधुनिक यातायात प्रबंधन प्रणाली, सीएनजी व इलेक्ट्रिक बसों का संचालन, बाढ़ प्रबंधन में सुधार को 36 किलोमीटर लंबी वर्षा जल निकासी व सड़क किनारे नालियां और प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली।
चंपावत: 160 किमी पेयजल नेटवर्क, 4000 घरेलू पेयजल संयोजन, 2900 किलोलीटर क्षमता के चार जलाशयों का निर्माण और 3.5 एमएलडी (मिलियन लीटर डेली) क्षमता के पेयजल शोधन संयंत्र की स्थापना।
किच्छा: 402 किमी पेयजल नेटवर्क, 20000 घरेलू पेयजल संयोजन, 6800 किलोलीटर क्षमता के चार जलाशय व नलकूपों का निर्माण।
कोटद्वार: 330 किमी पेयजल नेटवर्क, 22196 घरेलू पेयजल संयोजन, 4000 किलोलीटर क्षमता के चार जलाशय व नलकूपों का निर्माण।
विकासनगर : 131 किमी पेयजल नेटवर्क, 9400 घरेलू पेयजल संयोजन, 3650 किलोलीटर क्षमता के चार जलाशय व नलकूपों का निर्माण और 58 किलोमीटर सीवेज नेटवर्क,10098 सीवेेज संयोजन और 7.5 एमएलडी क्षमता का सीवेज शोधन संयंत्र।

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