उत्तराखण्ड
अब 10 रुपये किलो खरीदा जाएगा चीड़ के पिरूल, मूल्य बढ़ाया
देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए चीड़ के पिरूल का मूल्य बढ़ाने का फैसला किया है। देहरादून कैबिनेट की बैठक में पिरूल का मूल्य तीन रुपये प्रति किलो से बढ़ाकर दस रुपये प्रति किलो करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।
पिछले कुछ समय से पिरूल का मूल्य बढ़ाने की मांग जोरों पर थी। वन विभाग और कोयला बनाने वाली संस्थाएं ग्रामीणों से पिरूल खरीदती हैं। पिरूल से कोयले के अलावा कई अन्य उत्पाद भी बनाए जाते हैं। राज्य में बड़ी संख्या में लोग पिरूल के कारोबार से जुड़े हुए हैं।
हालांकि, पिरूल अत्यंत ज्वलनशील होने के कारण जंगलों में आग लगने का एक बड़ा कारण भी बनता है। सरकार की पिरूल खरीद नीति से जहां जंगलों की सफाई होती है, वहीं ग्रामीणों को रोजगार का एक नया स्रोत भी मिलता है।
सूत्रों के अनुसार, कैबिनेट में इस विषय पर विस्तृत चर्चा हुई। स्थानीय ग्रामीणों के आर्थिक उन्नयन से जुड़े इस महत्वपूर्ण मुद्दे को देखते हुए कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
मुख्य बिंदु:
* देहरादून कैबिनेट ने चीड़ के पिरूल का मूल्य बढ़ाया
* नया मूल्य 10 रुपये प्रति किलो
* पिरूल का मूल्य बढ़ाने की मांग लंबे समय से की जा रही थी
* पिरूल से कोयला और अन्य उत्पाद बनाए जाते हैं
* पिरूल जंगलों में आग लगने का एक बड़ा कारण है
* सरकार की नीति से जंगलों की सफाई होगी और ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा
यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है:
यह खबर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे उत्तराखंड के ग्रामीणों को आर्थिक लाभ होगा। साथ ही, इससे जंगलों में लगने वाली आग को रोकने में भी मदद मिलेगी।
आगे क्या होगा:
अब सरकार इस निर्णय को लागू करने की दिशा में काम करेगी। इससे राज्य में पिरूल के कारोबार को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीणों की आय में वृद्धि होगी।
