उत्तरकाशी। गुरिल्ला जनजागरण रथयात्रा के यहां पहुचने पर गुरिल्लों ने जनपद मुख्यालय में विशाल जूलूस निकाला। प्रधानमंत्री, गृहमंत्री भारत सरकार, मुख्यमंत्री उत्तराखंड को संबोधित ज्ञापन अपर जिलाधिकारी को दिये । आज सुबह उत्तरकाशी में रथयात्रा की शुरुआत केन्द्रीय अध्यक्ष ब्रह्मा नन्द डालाकोटी ने काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा अर्चना से की। निरीक्षण भवन में हुई सभा में अध्यक्ष डालाकोटी ने कहा कि गुरिल्ले बिगत 17साल से नौकरी पेंशन की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। 5000दिन से अल्मोड़ा जिला मुख्यालय में धरनारत हैं, लेकिन सरकार हमारी मांगों पर मूक दर्शक बनी है, जबकि सीमाओं की सुरक्षा एवं खुफिया सूचना एकत्र करने में स्थानीय लोगों से जुड़ी हुई गुरिल्लायुक सुरक्षा प्रणाली से बेहतर कोई सुरक्षा प्रणाली नहीं है। गुरिल्लों ने न केवल अपनी युवावस्था में भारत देश की सीमाओं में शांति व्यवस्था स्थापित की है बल्कि युवावस्था सरकार द्वारा दिये गये प्रशिक्षणों में लगाई है। इसलिए बृद्धावस्था में उन्हें सरकार उनके जीवन यापन योग्य सम्मानजनक पेंशन दे। आज भी सीमावर्ती क्षेत्रों में घुसपैठ तथा सीमा के भीतर आतंकवादी घटनाएं हो रही हैं उन्हें रोकने में गुरिल्ले ही कामयाब हो सकते हैं यही बात हम रथयात्रा के माध्यम से सरकार और जनता को बताने का प्रयास कर रहे हैं। संगठन को मजबूती प्रदान करने पर बल देते हुए अनेक वक्ताओं ने भागीरथी वैली हेतु पृथक इकाई की मांग की, इसलिए महाबीर रावत को भागीरथी वैली हेतु अध्यक्ष चुना गया। उन्होंने कहा कि,9अगस्त को देहरादून में गुरिल्लों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जाय तथा गुरिल्लों से कोर्ट के नाम से भ्रमित न होने तथा किसी को कोर्ट के नाम से धन न देने का संदेश दिया।आज सभा एवं रैली में भूपेंद्र सिंह, शैलेन्द्र सिंह, प्रथम सिंह राणा, श्याम लाल, जगमोहन पवार,बलवंत रावत, रघुबीर सिंह राणा, हरबीर पवार,जस्मीला राणा,रजनी,सरिता पोखरियाल,रजनी भट्ट सहित सैकड़ों की संख्या में गुरिल्ले शामिल रहे।
गुरिल्लों का प्रदर्शन, नौकरी और पेंशन की मांगों को लेकर पीएम, गृहमंत्री और डीएम को भेजा ज्ञापन
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