देहरादून: उत्तराखंड में हवाई सेवाओं के विस्तार को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। राज्य सरकार ने दूरदराज के क्षेत्रों तक हवाई सेवाओं का विस्तार करने के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है। इसी कड़ी में, राज्य में 8 हेलिपोर्ट बनकर तैयार हो चुके हैं और 5 अन्य पर काम जारी है।
उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) ने पिछले दो वर्षों में सहस्रधारा, श्रीनगर, गौचर, चिन्यालीसौड़, हल्द्वानी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और मुनस्यारी में हेलिपोर्ट बनाए हैं। ये सभी हेलिपोर्ट अब यात्रियों को नियमित सेवाएं दे रहे हैं। इसके अलावा, त्रियुगीनारायण, जोशीमठ, मसूरी, रामनगर, बागेश्वर और हरिद्वार में भी हेलिपोर्ट का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। इन सभी हेलिपोर्टों को अगले एक साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
यूकाडा के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी दयानंद सरस्वती ने बताया कि राज्य में 100 से अधिक हेलिपैड पहले से ही बनकर तैयार हैं। ये हेलिपैड किसी भी आपातकालीन स्थिति या यात्री सेवाओं के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन हेलिपोर्टों के बनने से राज्य के दूरदराज के क्षेत्रों तक हवाई सेवाओं का विस्तार हुआ है।
हेलिपोर्टों पर यात्रियों के लिए सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इनमें हेलिकॉप्टरों की पार्किंग, मेंटिनेंस के लिए हैंगर, यात्रियों के लिए विश्राम कक्ष, कैंटीन और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं शामिल हैं। इन हेलिपोर्टों का निर्माण हवाई अड्डों की तर्ज पर किया जा रहा है।
इस पहल से क्या फायदे होंगे?
* दूरदराज के क्षेत्रों तक बेहतर कनेक्टिविटी: इन हेलिपोर्टों के माध्यम से राज्य के दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंच आसान हो जाएगी।
* पर्यटन को बढ़ावा: पर्यटकों के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों में जाना आसान हो जाएगा, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
* आपातकालीन स्थिति में मदद: इन हेलिपोर्टों का उपयोग आपातकालीन स्थिति में भी किया जा सकता है।
* रोजगार के अवसर: इन हेलिपोर्टों के निर्माण से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।