Connect with us

धर्म-कर्म/मेले-पर्व

14 अप्रैल को सतुआनी और 15 अप्रैल को मनाई जाएगी जुड़ शीतल का पर्व

Published

on

हरिद्वार। ब्रज किशोर ज्योतिष संस्थान के संस्थापक एवं निर्देशक ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा ने बताया कि मलमास जो की 15 मार्च से शुरू हुआ था, 14 अप्रैल को 10.30 बजे सूर्य मीन राशि से मेष राशि में जाने के बाद समाप्त होगा।जुड़ शीतल के दिन जल से पूर्ण मटके दान करने का विशेष महत्व है।
हिंदू पंचाग के दृष्टि से सौर मास का यह पहला दिन है, रबी फसल गेहूं, मकई, सरसों, तीसी आदि की कटाई कर भंडारित किया जाता है। मिथिला में जूड़ शीतल के बहाने घर में बड़े बुजुर्ग, माता पिता बच्चे के सिर पर पानी डालते है। इसके अलावा जीव जंतु के साथ साथ पेड़ पौधों को भी सिंचाई की जाती है। रबी की फसल की कटाई की खुशी में किसान बैसाखी का पर्व मनाते हैं, बिल्कुल इसी प्रकार से मिथिला में इस पर्व को मनाया जाता है और इस दिन गुड़ और सत्तू के साथ ऋतु फल और पानी से भरे हुए घड़ों का दान किया जाता है।जुड़ शीतल के दौरान मिथिला में चूल्हा नहीं जलाया जाता। त्योहार के एक दिन पहले यानीसतुआनी की रात को तैयारी आरंभ कर दी जाती है।

GET IN TOUCH

संपादक: गुलाब सिंह
पता: हल्द्वानी, उत्तराखण्ड
दूरभाष: +91 9412960065
ई-मेल: [email protected]

Select Language

Advertisement

© 2023, CWN (City Web News)
Get latest Uttarakhand News updates
Website Developed & Maintained by Naresh Singh Rana
(⌐■_■) Call/WhatsApp 7456891860