नई दिल्ली
भाजपा विधायक का अनोखा फरमान: गुटखा छोड़ो, तभी मिलेगी बिजली
मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के मऊगंज से भाजपा विधायक प्रदीप पटेल एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने एक फरियादी को अनोखी डील दी है। उन्होंने कहा कि अगर फरियादी गुटखा खाना छोड़ देगा तो ही उसके गांव में बिजली लौटेगी। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
दरअसल, एक युवक अपने गांव में ख़राब बिजली ट्रांसफार्मर की शिकायत लेकर विधायक प्रदीप पटेल के जनता दरबार में निराकरण के लिए गया था। इसकी गलती इतनी थी कि वह गुटखा चबा रहा था। यह देख विधायक प्रदीप पटेल नाराज हो गए।
विधायक ने युवक की मां को फोन लगाकर हालचाल पूछा और उनसे पूछा, आपका बेटा गुटखा कब से खा रहा है? इसे खाने के लिए मना क्यों नहीं करती हो, क्या आपकी बात यह नहीं मानता है।
मां का जबाव मिला, ‘आप विधायक हैं, आप ही गुटखा खाने के लिए मना करिये’, फिर क्या नेता ने अपना फरमान सुना दिया। विधायक जी ने युवक से कहा, जब तक यह गुटखा खाना नहीं छोड़ेगा तब ट्रांसफार्मर नहीं लगेगा। विधायक के इस फरमान को सुनकर सब सकपका गए।
विधायक का तर्क
भाजपा विधायक ने कहा, मैं सभी का काम करता हूं, लेकिन गांजा शराब गुटखा तंबाकू और कोरेक्स पीने वालों की व्यक्ति की सुनवाई नहीं करता। जब यह युवक गुटखा खाना छोड़गा तभी गांव बिजली ट्रांसफार्मर लगेगा।
सोशल मीडिया पर वायरल
विधायक के इस अनोखे फरमान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। लोग इस पर तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं। कुछ लोग विधायक के इस फैसले का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ लोग इसे तानाशाही बता रहे हैं।
विधायक का विवादित इतिहास
यह कोई पहला मौका नहीं है जब भाजपा विधायक प्रदीप पटेल सुर्खियों में हो। वो अपने अलग अंदाज को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। चाहे वो सरकारी कार्यालय के बाहर धरने का मामला हो या फिर एडिशनल एसपी के सामने दंडवत होने का मामला हो इस तरह के कई मामले हैं जिसके चलते उनके वीडियो सोशल मीडिया की सुर्खियां बन जाते हैं।
विवाद के मुद्दे
* शक्ति का दुरुपयोग: विधायक द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए एक व्यक्ति को दंडित करना।
* स्वास्थ्य और नैतिकता: गुटखा खाने को लेकर व्यक्ति को दंडित करना कितना उचित है?
* जनता की सेवा: एक जनप्रतिनिधि का कर्तव्य जनता की सेवा करना है, न कि व्यक्तिगत राय के आधार पर किसी को दंडित करना।
समाज में संदेश
विधायक का यह कृत्य समाज में एक गलत संदेश दे रहा है। यह बताता है कि सत्ता का इस्तेमाल व्यक्तिगत लाभ के लिए किया जा सकता है।
