हरिद्वार। प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ की दिनांक 25 मार्च 2025 को संघ की ऑनलाइन बैठक आयोजित की गई, जिसमें समस्त जनपदों से चिकित्सकों ने भाग लिया। बैठक में मुख्य रूप से तीन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई।
1. पर्वतीय क्षेत्रों के विशेषज्ञ चिकित्सकों को 50% अतिरिक्त वेतन:
पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात विशेषज्ञ चिकित्सकों को मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत चिकित्सकों की तरह 50% अतिरिक्त वेतन देने की मांग लंबे समय से की जा रही है। इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव सहमति भी दे चुके हैं और कई बार सार्वजनिक मंचों पर इसकी घोषणा कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई, जिससे चिकित्सकों में गहरी नाराजगी है।
2. सुगम और दुर्गम क्षेत्रों का पुनः निर्धारण:
टिहरी, अल्मोड़ा, नैनीताल और मसूरी को पूर्व में दुर्गम क्षेत्र माना जाता था, लेकिन अब इन्हें सुगम क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। इस निर्णय को लेकर पूर्व में वादा किया गया था कि इन्हें पुनः दुर्गम क्षेत्र में शामिल किया जाएगा, लेकिन इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई।
3. SDACP में शिथिलीकरण की माँग:
SDACP (Special Dynamic Assured Career Progression) में शिथिलीकरण का शासनादेश होने के बावजूद सचिवालय द्वारा इस प्रकरण को जान-बूझकर लटकाया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री और सचिव द्वारा इस विषय में कई बार सहमति जताई जा चुकी है, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण चिकित्सकों की मांगें पूरी नहीं हो पा रही हैं।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि यदि 11 अप्रैल 2025 तक इन मांगों पर ठोस कार्यवाही नहीं होती है, तो सभी प्रभावित चिकित्सक सामूहिक अवकाश पर जाएंगे और 11 अप्रैल 2026 को सुबह 11:00 बजे निदेशालय में धरना देंगे। इसके अलावा, बैठक में पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात विशेषज्ञ चिकित्सकों ने सामूहिक त्यागपत्र का प्रस्ताव भी पारित किया, जिस पर 11 अप्रैल को आगे की कार्यवाही की जाएगी।
