उत्तराखण्ड

उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे 55 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला आज

त्रिस्तरीय रहेगी मतगणना केंद्रों की सुरक्षा व्यवस्था, मतगणना केंद्रों में मोबाइल फोन प्रतिबंधित
देहरादून। प्रदेश की पांच लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे 55 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला मतगणना के बाद मंगलवार को हो जाएगा। मतगणना के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। मतगणना पर नजर रखने के लिए 27 पर्यवेक्षक उत्तराखंड आ चुके हैं। सभी जिलों में ईवीएम से मतगणना सुबह आठ बजे से प्रारंभ हो जाएगी।
संसदीय सीट के निर्वाचन अधिकारी मुख्यालय में आठ बजे से पोस्टल बैलेट की गणना होगी। इसके बाद साढ़े आठ बजे से ईवीएम के मत गिने जाएंगे। अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि सुबह लगभग पौने आठ बजे स्ट्रांग रूम से ईवीएम व पोस्टल बैलेट बाहर निकाले जाएंगे। इस दौरान सभी प्रत्याशी अथवा उनके प्रतिनिधि व पार्टी पदाधिकारियों को वहां उपस्थित रहने का अनुरोध किया गया है।
उन्होंने बताया कि स्ट्रांग रूम खोलते समय पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकार्डिंग भी की जाएगी। पूरी प्रक्रिया पर रहेगी सीसी कैमरे से नजर मतगणना में पारदर्शिता के लिए मतगणना केंद्रों में सीसी कैमरे लगाए गए हैं। स्ट्रांग रूम से ईवीएम लाने से लेकर मतगणना की पूरी प्रक्रिया की रिकार्डिंग की जाएगी, ताकि किसी भी प्रकार के संदेह की गुंजाइश न रहे।
प्रत्येक विधानसभा के पांच वीपी पैट की भी होगी गणना
मतगणना के दौरान ईवीएम की गणना के बाद हर विधानसभा सीट से किसी भी पांच वीवी पैट का चयन कर उसके भीतर रखी पर्चियों की गणना की जाएगी। फिर इनका संबंधित ईवीएम के साथ मिलान किया जाएगा। लगाई जाएंगी 848 टेबल मतगणना के लिए पूरे प्रदेश में 848 टेबल लगाई जाएंगी। इनमें टिहरी में 187, गढ़वाल में 188, अल्मोड़ा के लिए 182, नैनीताल-ऊधम सिंह नगर के लिए 196 और हरिद्वार के लिए 134 टेबल लगाई जाएंगी।
हर चक्र में गिने जाएंगे 500 डाक मतपत्र
मतगणना के दौरान डाक मतपत्र की गणना के लिए अलग टेबल लगेंगी। इसमें हर चक्र में 500 डाक मतपत्र गिने जाएंगे। ऐसे में जिस लोकसभा सीट पर सबसे अधिक डाक मतपत्र हैं, वहां के नतीजे सबसे बाद में आएंगे।
मतगणना केंद्रों में मोबाइल फोन को ले जाने और निजी उपकरणों से रिकार्डिंग प्रतिबंधित रहेगी। इनके फोन मतगणना केंद्रों के बाहर रखे जाएंगे इसके लिए व्यवस्था भी की गई है। प्रदेश की लोकसभा की पांच सीटों के लिए पोस्टल बैलेट, यानी सर्विस वोट के मिलने का क्रम जारी है। प्रदेश में अभी तक 52,053 पोस्टल बैलेट मगतणना केंद्रों तक पहुंच चुके हैं। ये संख्या सर्विस वोट का लगभग 55 प्रतिशत है। यद्यपि यह संख्या 2019 के लोकसभा चुनाव से कम है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 63 हजार सर्विस मतदाताओं ने पोस्टल बैलेट के जरिये मतदान किया था।
इसके अलावा 27156 मतदान कार्मिक और 12670 दिव्यांग व बुजुर्ग मतदाताओं के पोस्टल बैलेट भी केंद्रों तक पहुंच गए हैं। प्रदेश के सभी मतगणना केंद्रों में त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। सबसे पहले घेरे यानी मतगणना केंद्रों में केंद्रीय पुलिस बल के जवान तैनात रहेंगे। दूसरे घेरे यानी मतगणना केंद्रों के आसपास राज्य पुलिस बल के तैनात रहेंगे। तीसरा घेरा मतगणना केंद्रों से बाहर 100 मीटर से अधिक के दायरे में रहेगा। यहां राज्य पुलिस के जवान तैनात रहेंगे। किसी को भी तीसरे घेरे से भीतर वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी।
प्रदेश में अभी तक प्रत्याशियों को मतगणना टेबल पर प्रतिनिधि रखने की अनुमति दी। अब भारत निर्वाचन आयोग ने दूरस्थ क्षेत्रों में एआरओ टेबल पर भी प्रत्याशियों को अपना प्रतिनिधि रखने की अनुमति प्रदान कर दी है। 

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