हिमाचल में हो रही भारी बारिश, 25 जुलाई तक उत्तराखंड और हिमाचल में भारी वर्षा होने का पूर्वानुमान
दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में हो रही भारी वर्षा से दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर फिर से बढ़ने की आशंका जताई जाने लगी है। तीन दिन से यमुना का जलस्तर खतरे के निशान (205.33 मीटर) के आसपास है।
15 जुलाई के बाद से जलस्तर 206 मीटर से नीचे है, क्योंकि हथनी कुंड से कुछ दिन से प्रति घंटे एक लाख क्यूसेक से कम पानी छोड़ा जा रहा था, लेकिन अब एक बार फिर इसमें बढ़ोतरी होने लगी है। 13 जुलाई के बाद शनिवार 22 जुलाई की सुबह नौ बजे सर्वाधिक 1,47,857 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो दोपहर तक बढ़कर प्रति घंटे दो लाख क्यूसेक को पार कर गया। अगले दो दिन में इसके दिल्ली पहुंचने की संभावना है।
मौसम विभाग का 25 जुलाई तक उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी वर्षा होने का पूर्वानुमान है। इससे राजधानी में एक बार फिर से बाढ़ की स्थिति पैदा होने की आशंका जताई जा रही है।
नौ जुलाई से हथनी कुंड से प्रति घंटे एक लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा जा रहा था और 11 जुलाई को यह अधिकतम 3.59 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया था। परिणामस्वरूप राजधानी में पुराना लोहा पुल के पास यमुना नदी का जलस्तर 13 जुलाई को 208.66 मीटर तक पहुंच गया और राजधानी के छह जिले में बाढ़ आ गई। यमुनापार के कई क्षेत्रों के साथ कश्मीरी गेट, सिविल लाइंस व मुखर्जी नगर तक में पानी भर गया था। रिंग रोड और विकास मार्ग सहित कई सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बंद हो गई थी। यमुना में पानी बढ़ने से वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला जलशोधन संयंत्र बंद होने से राजधानी के कई क्षेत्रों में जलसंकट हो गया था।
13 जुलाई से हथनी कुंड से पानी छोड़ने की मात्रा कुछ कम होने पर 15 जुलाई से दिल्ली में यमुना के उफान में भी कमी आने लगी। एक सप्ताह से प्रति घंटे 30 से 75 हजार क्यूसेक और कई बार 30 हजार क्यूसेक से भी कम पानी छोड़ा जा रहा है। यही कारण कि 10 जुलाई के बाद पहली बार 18 जुलाई को यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आया। उसके बाद से जलस्तर 206 मीटर से नीचे ही है। शनिवार सुबह नौ बजे से भी यह खतरे के निशान से नीचे था।
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर फिर से बढ़ने की आशंका, जलस्तर खतरे के निशान के आसपास पहुंचा
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