प्रयागराज: पूर्व आईपीएस अधिकारी डीके पंडा से 381 करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। यह मामला धूमनगंज थाने में दर्ज कराया गया है। पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद जांच शुरू कर दी है।
पंडा का दावा है कि उन्होंने लंदन की एक कंपनी में ट्रेडिंग करके यह रकम कमाई थी। मूल रूप से उड़ीसा के रहने वाले पंडा 1971 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे हैं। 2015 में उन्होंने ‘दूसरी राधा’ का रूप त्यागकर ‘कृष्णानंद’ नाम धारण किया था।
दूसरी राधा से कृष्णानंद
पंडा ने बताया कि 2005 में भगवान के आदेश पर उन्होंने महिला का रूप धारण किया था। 2015 में भगवान कृष्ण ने उन्हें सपने में आकर यह रूप त्यागने को कहा, जिसके बाद उन्होंने ऐसा ही किया। 2017 से वह बाबा कृष्णानंद के रूप में भक्ति में लीन हैं।
आईपीएस से संत
1971 बैच के आईपीएस अधिकारी पंडा ने 2005 में इस्तीफा दे दिया था। तब वह लखनऊ में आईजी रूल्स एंड मैनुअल के पद पर थे। 2005 में उन्होंने खुद को ‘दूसरी राधा’ घोषित कर सुर्खियां बटोरी थीं। उन्होंने महिलाओं की तरह सोलह श्रृंगार करने लगे थे। मांग में सिंदूर, माथे पर बिंदी, कानों में बाली, नाक में नथ और पैरों में घुंघरू पहनने लगे थे।
पुलिस जांच में जुटी
पुलिस अब इस मामले की जांच में जुट गई है। पुलिस इस बात की पुष्टि करने की कोशिश कर रही है कि आखिर पंडा से इतनी बड़ी रकम की ठगी कैसे हुई। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि पंडा ने यह रकम किस कंपनी में निवेश की थी।
महत्वपूर्ण तथ्य:
* शिकायत: धूमनगंज थाने में दर्ज
* रकम: 381 करोड़ रुपये
* पीडित: पूर्व आईपीएस अधिकारी डीके पंडा
* दावा: लंदन की कंपनी में ट्रेडिंग से कमाई
* पेशा: पूर्व में आईपीएस अधिकारी, वर्तमान में संत
* रूप: पहले दूसरी राधा, अब कृष्णानंद
यह मामला कई मायनों में अहम है:
* एक पूर्व आईपीएस अधिकारी के साथ ठगी का मामला होना
* पंडा का विवादित जीवन
* पुलिस जांच में सामने आने वाले तथ्य
पूर्व आईपीएस अधिकारी डीके पंडा से 381 करोड़ की ठगी, पुलिस जांच में जुटी
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