उत्तराखण्ड
उत्तराखंड में सुनियोजित विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार की नई पहल
देहरादून। उत्तराखंड सरकार राज्य में बढ़ते शहरीकरण को देखते हुए सुनियोजित विकास को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इसी कड़ी में, सरकार ने नगर नियोजन योजना और भूमि संग्रहीकरण योजना के क्रियान्वयन के लिए एक महत्वपूर्ण विधेयक पेश किया है। इस विधेयक के माध्यम से विकास प्राधिकरण अपने-अपने क्षेत्रों में भूमि बैंक बना सकेंगे और उनका उपयोग नई टाउनशिप विकसित करने में किया जाएगा।
विधेयक के मुख्य प्रावधान:
- विकास प्राधिकरण अपने अधीन क्षेत्रों में एक या इससे अधिक नगर नियोजन योजना और भूमि संग्रहीकरण की योजना बना सकेंगे।
- प्राधिकरण किसानों या अन्य व्यक्तियों की सहमति और समझौते के आधार पर भूमि खरीद सकेंगे।
- नई टाउनशिप विकसित करने के लिए सरकार प्राधिकरण के क्षेत्र को अधिसूचित करेगी।
- प्राधिकरण भूमि खरीद कर भूमि बैंक बनाएंगे और वहां नियोजित ढंग से कार्य कराए जा सकेंगे।
सरकार का उद्देश्य:
सरकार का मुख्य उद्देश्य पर्वतीय क्षेत्रों में नई टाउनशिप विकसित करना है। इसके साथ ही, सुनियोजित विकास को बढ़ावा देना और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को सरल बनाना भी है। अभी तक प्राधिकरणों को टाउनशिप या अन्य कार्यों के लिए भूमि अधिग्रहीत करनी पड़ती थी, जिसमें उन्हें अधिक भुगतान करना पड़ता था। इस नई व्यवस्था से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेजी आएगी और विकास कार्यों को गति मिलेगी।
मलिन बस्तियों को राहत:
सरकार ने शहरी क्षेत्रों में स्थित मलिन बस्तियों के सुधार, विनियमितीकरण और पुनर्व्यवस्थापन के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके लिए, पूर्व में अधिनियम में अध्यादेश के माध्यम से संशोधन किया गया था, जिसकी अवधि अब तीन साल के लिए बढ़ा दी गई है। इस अध्यादेश को भी विधेयक के रूप में सदन में पेश किया गया है। इससे राज्य में स्थित 500 से अधिक मलिन बस्तियों के निवासियों को राहत मिलेगी।
पूर्व विधायकों की पेंशन में बढ़ोतरी:
सरकार ने पूर्व विधायकों की पेंशन में भी बढ़ोतरी की है। इसके संबंध में उत्तराखंड राज्य विधानसभा (सदस्यों की उपलब्धियां और पेंशन) (संशोधन) विधेयक सदन में रखा गया है। इस विधेयक के अनुसार, पूर्व विधायकों के लिए प्रथम वर्ष की पेंशन 40 हजार रुपये से बढ़ाकर 60 हजार रुपये करने का प्रावधान किया गया है। इसके बाद, शेष वर्षों के लिए वार्षिक वृद्धि दो हजार से बढ़ाकर तीन हजार रुपये की गई है।
