जीन्स-टॉप में सजी अंग्रेजी
घर में लाई जा रही है,
शालीनता की साड़ी में
लिपटी हिन्दी
अपने ही घर से
धकियाई जा रही है।
मगर जब
अंग्रेजी सॉन्ग्स से
रातों की नींद
उड़ जाती है,
तो मेरे भाई उस वक्त
हिन्दी की लोरी
ही भाती है।
देवेश द्विवेदी ‘देवेश’
जीन्स-टॉप में सजी अंग्रेजी
घर में लाई जा रही है,
शालीनता की साड़ी में
लिपटी हिन्दी
अपने ही घर से
धकियाई जा रही है।
मगर जब
अंग्रेजी सॉन्ग्स से
रातों की नींद
उड़ जाती है,
तो मेरे भाई उस वक्त
हिन्दी की लोरी
ही भाती है।
देवेश द्विवेदी ‘देवेश’