हल्द्वानी। राजकीय मेडिकल कालेज में एमबीबीएस के 40 छात्र 20 लाख रुपये का भोजन डकार गए, लेकिन भुगतान नहीं किया। छात्रों की मनमानी का यह सिलसिला तीन वर्ष तक चलता रहा।
जब मामला कालेज प्रशासन के संज्ञान में आया तो इन छात्रों को नोटिस थमा दिया गया है। 30 सितंबर तक भुगतान नहीं करने पर हास्टल से निष्कासित करने चेतावनी दी गई है।राजकीय मेडिकल कालेज के छात्रावासों में कई छात्र खुलकर मनमानी पर उतारू हैं।
मुख्य छात्रावास अधीक्षक प्रो. रामगोपाल नौटियाल ने जब हास्टलों में निरीक्षण किया तो चौंकाने वाली स्थिति देखने को मिली। साथ ही मेस में भोजन की गुणवत्ता आदि के बारे में जानकारी लेने पर पर पता चला कि मेस संचालकों का 20 लाख रुपये उधार है। चार पुरुष छात्रावासों के 40 से अधिक छात्र ऐसे हैं, जो तीन वर्ष से लगातार भोजन कर रहे हैं, लेकिन भुगतान नहीं करते।
मेस संचालक के भुगतान के लिए बार-बार कहने पर इन पर कोई असर नहीं पड़ता। प्रो. नौटियाल ने अब इस मामले में कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। प्राचार्य प्रो. अरुण जोशी को लिखे पत्र में कहा है कि 30 सितंबर तक सभी छात्र मेस संचालक का भुगतान कर दें। ऐसा न करने पर इस आदेश के तहत स्वयं ही हास्टल से निष्कासित माने जाएंगे। इसके अतिरिक्त कालेज प्रशासन के स्तर पर विधिक कार्रवाई भी की जाएगी।
मुख्य छात्रावास अधीक्षक ने भुगतान न किए जाने के संबंध में अभिभावकों से भी बात की। अभिभावकों के भुगतान को लेकर अलग-अलग तर्क थे। किसी ने समस्या बताई तो किसी ने कुछ और कह दिया। वहीं, मनमानी करने वाले एमबीबीएस के ये छात्र मेस संचालक को भी अपने परिवार के रसूख व पहुंच की धौंस दिखाते रहे हैं। मेस संचालक भी इन्हें भोजन कराता रहा और सहन करता रहा। मेस संचालक के 20 लाख रुपये भुगतान न होने पर भोजन की गुणवत्ता पर असर पड़ना भी स्वाभाविक था। इसका खामियाजा उन छात्र-छात्राओं को भी भुगतना पड़ रहा है कि जो नियमित भुगतान करते हैं।
हल्द्वानी में 40 छात्र खा गए 20 लाख का खाना, बिल भरने की बारी आई तो…
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