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हरिद्वार

भारतीय संस्कृति से प्रभावित होकर दो रूसी जोड़ों ने हिंदू रीति-रिवाजों से की शादी, देखिये वीडियो

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हरिद्वार। भारतीय संस्कृति के लिए विदेशियों का प्यार देखने को मिला. यहां दो रूसी जोड़ों ने हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार शादी की. ये शादी अखंड परम धाम आश्रम में हुआ, जहां जोड़ों ने भारतीय रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह किया. जिसमें वैदिक मंत्रोच्चार और पवित्र अग्नि के चारों ओर सात फेरे लेना शामिल था.
समाचार एजेंसी पीटीआई को एक मेहमान ने बताया कि 20 वर्षों से विवाहित और तीन बच्चों के मां-बाप रहे इस जोड़े ने हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार फिर से शादी का फैसला किया. उन्होंने कहा, ‘वे पहले ही अपने रिश्ते को परख चुके हैं और उन्हें पूरा भरोसा है कि वे जीवन भर साथ रहेंगे. भारतीय संस्कृति के प्रति उनके प्यार ने उन्हें ऐसा करने के लिए प्रेरित किया।
विवाह समारोह आश्रम के पुजारी द्वारा संचालित किया गया, जिन्होंने भारतीय संस्कृति में बढ़ती अंतर्राष्ट्रीय रुचि के बारे में जानकारी साझा की. उन्होंने बताया, ‘हर साल हम यहां ध्यान शिविर आयोजित करते हैं, जिसमें दुनिया भर से लोग आते हैं. बहुत से लोग आध्यात्मिक मार्गदर्शन के लिए आते हैं और गुरुदेव भगवान से मंत्र और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘इन दो जोड़ों ने भारतीय रीति-रिवाजों के अनुसार शादी करने का फैसला किया, इसलिए हमने वैदिक परंपराओं का पालन करते हुए उनकी शादियां करवाईं.’ जोड़े पारंपरिक भारतीय पोशाक पहने हुए थे, दुल्हनों ने अपने हाथों पर मेहंदी लगाई हुई थी. दोस्त और परिवार के लोग जश्न में शामिल हुए, गाते और नाचते रहे. उन्होंने फूलों की माला पहनी हुई थी, जिससे एक उत्सवी भारतीय शादी का माहौल बना.
शादी में आए मेहमानों ने बताया कि रूसी जोड़े भारतीय संस्कृति से कितने प्रभावित थे. एक मेहमान ने बताया, ‘जोड़े एक ऐसा बंधन चाहते थे जो सिर्फ एक जन्म के लिए नहीं बल्कि सात जन्मों तक चले, क्योंकि उन्होंने सुना था कि भारतीय शादियां एक अटूट बंधन का प्रतीक होती हैं. यही वजह है कि उन्होंने हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार शादी करने का फैसला किया.। रूसियों द्वारा भारतीय संस्कृति को अपनाने का यह पहला उदाहरण नहीं है. अक्टूबर 2023 में, तीन रूसी जोड़ों ने हरिद्वार के अखंड परमधाम आश्रम में पारंपरिक हिंदू रीति-रिवाज से विवाह किया था. 50 सदस्यीय रूसी तीर्थयात्री समूह का हिस्सा रहे इस जोड़े को भारतीय संस्कृति ने प्रभावित किया और उन्होंने हिंदू रीति-रिवाजों से विवाह करने का फैसला किया था।

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