देहरादून: उत्तराखंड के राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में अब बाल रोग (पीडियाट्रिक्स) में एमडी कोर्स शुरू होने जा रहा है। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने कॉलेज को सात सीटों की मंजूरी दे दी है। इस फैसले से प्रदेश में बाल रोग विशेषज्ञों की संख्या में इजाफा होगा और बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी।
प्रदेश में सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी होगी दूर
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र 2025-26 तक एमडी कोर्स में 100-100 सीटें प्राप्त की जाएं। इससे प्रदेश में सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी दूर होगी और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी।
दून मेडिकल कॉलेज में विभिन्न पाठ्यक्रमों में सीटें
वर्तमान में दून मेडिकल कॉलेज सहित प्रदेश के तीनों राजकीय मेडिकल कॉलेजों में पीजी कक्षाएं चल रही हैं। इनमें एनएमसी से 19 पाठ्यक्रमों में कुल 174 सीटों की स्वीकृति है। दून मेडिकल कॉलेज में फार्माकोलॉजी, एनाटोमी, माइक्रोबायोलॉजी, ऑप्थल्मोलॉजी, फॉरेंसिक मेडिसिन, ऑर्थोपेडिक्स, जनरल मेडिसिन, पैथोलॉजी, कम्युनिटी मेडिसिन, ईएनटी, फिजियोलॉजी, एनस्थेसियोलॉजी, सर्जरी, ओबीजी और बायोकेमिस्ट्री जैसे विभिन्न पाठ्यक्रमों में सीटें उपलब्ध हैं।
यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है:
* बाल रोग विशेषज्ञों की संख्या में वृद्धि: इस फैसले से प्रदेश में बाल रोग विशेषज्ञों की संख्या में वृद्धि होगी जिससे बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी।
* सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी दूर होगी: राज्य सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश में सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी दूर की जाए।
* शैक्षणिक सुविधाओं में सुधार: इस फैसले से प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में शैक्षणिक सुविधाओं में सुधार होगा।
* स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार: इससे प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा और लोगों को बेहतर इलाज मिलेगा।
दून मेडिकल कॉलेज में बाल रोग में एमडी कोर्स की शुरुआत, प्रदेश में सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की संख्या बढ़ेगी
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