उत्तर प्रदेश
मुरादाबाद: मुंडिया जैन गांव में एक साथ जलीं छह चिताएं, हर आंख नम हुई
मुरादाबाद। मुंडिया जैन गांव बुधवार को मातम में डूब गया, जब सुबह 10 बजे दंपती, बहू समेत छह लोगों की चिताएं एक साथ जलाई गईं। इस दौरान बारिश भी हुई, लेकिन श्मशान घाट पर उमड़ी भीड़ कम नहीं हुई। गांव का हर व्यक्ति मृतकों को अंतिम विदाई देने पहुंचा और दृश्य देखकर हर आंख नम हो गई।
यह हादसा मंगलवार सुबह देहरादून में बादल फटने के बाद आसन नदी में आई बाढ़ के कारण हुआ था। तेज बहाव में मजदूरों से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली बह गई थी, जिसमें 14 लोग सवार थे। इनमें मुंडिया जैन गांव निवासी हरचरन, उनकी पत्नी सोनवती, बहू रीना, मदन, नरेश और किरन की मौत हो गई। जबकि तीन मजदूर—राजकुमार, होराम और संदरी—अभी भी लापता हैं।
बुधवार तड़के करीब साढ़े पांच बजे पुलिस-प्रशासन मृतकों के शव विशेष वाहन से गांव लेकर पहुंचा। जैसे ही शव पहुंचे, गांव के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई। हरचरन, उनकी पत्नी और बहू के शव घर के आंगन में एक साथ रखे गए। रिश्तेदार और ग्रामीण शवों के पास रोते-बिलखते रहे। ग्रामीणों ने जैसे ही अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू की, तभी बारिश होने लगी। सबसे पहले मदन सैनी के शव का अंतिम संस्कार किया गया। इसके बाद रीना और किरन के शवों को श्मशान ले जाया गया। हरचरन के घर से जब तीनों शव एक साथ उठाए गए तो पूरा गांव गमगीन हो उठा।
सुबह 10 बजे तक सभी छह शव श्मशान पहुंचाए गए, जहां एक साथ चिताएं सजाई गईं। चारों ओर से पहुंचे ग्रामीण परिजनों को ढांढस बंधाते नजर आए। चिताओं के साथ उठते धुएं ने पूरे गांव को शोक की लहर में डुबो दिया।
हादसे में घायल हुए गांव के मजदूर अमरपाल को बुधवार सुबह परिजन देहरादून से गांव लेकर आए। एसडीएम के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची और अमरपाल को मुरादाबाद के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अमरपाल समेत गांव के कुल 11 लोग बाढ़ में बहे थे, जिनमें से दो पेड़ का सहारा पाकर बच निकले। छह की मौत ने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया, जबकि तीन अब भी लापता हैं।
मुंडिया जैन गांव में एक साथ छह चिताओं का दृश्य लोगों के दिलों को झकझोर गया। गांव में मातम का माहौल है और हर किसी की जुबां पर एक ही सवाल है—इतना बड़ा हादसा आखिर क्यों हुआ?
